दुनिया से दूर

Horror stories collection. All kind of thriller stories in English and hindi.
Jemsbond
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दुनिया से दूर

Unread post by Jemsbond » 22 Dec 2014 22:14

दुनिया से दूर

उसकी खूबसूरती सितारों को मात दे रही थी। उसके चेहरे पर वो कशिश थी कि नज़र एक बार पड़ने के बाद हटना गवारा नहीं करती थी। पूरे पाँच सौ लोगों की भीड़ में हर व्यक्ति उसी को घूर रहा था। लेकिन खुद उसकी निगाहें किसको ढूंढ रही हैं, यह किसी को मालूम नहीं था।
‘‘एक्सक्यूज़ मी, क्या आप मेरे साथ डाँस करना पसंद करेंगी?’’ एक नौजवान उसके पास आकर बोला। लेकिन उसने मुस्कान बिखेरते हुए नहीं में सर को हिलाकर उसे मायूस कर दिया।
‘‘तो तुम्हें भी उसने मना कर दिया।’’ जैसे ही वह नौजवान आगे बढ़ा, उसके दोस्त ने उसे टोक दिया।
‘‘बहुत घमंडी मालूम होती है । उसका नाम क्या है?’’
‘‘उसका नाम ज़ारा है। और वह सम्राट के खास वज़ीर की बेटी है।’’
‘‘ओह, फिर तो मैं उसके साथ डाँस के क़ाबिल ही नहीं हूं।’’ कहते हुए नौजवान दूसरी लड़की की तरफ बढ़ गया।
जबकि ज़ारा की नज़रें अचानक ही चमकने लगी थीं। और उन नज़रों का केन्द्र था दरवाज़े से अन्दर दाखिल होने वाला एक युवक। ज़ारा बेताबी के साथ उसकी ओर बढ़ी।
‘‘कितनी देर लगा दी शीले तुमने। मैं कब से तुम्हारा इंतिज़ार कर रही थी।’’ ज़ारा ने उसके पास पहुंचकर शिकायती अंदाज़ अख्तियार किया।
‘‘माफ करना ज़ारा। दरअसल मैं सम्राट के लिये गिफ्ट खरीद रहा था।’’ शीले ने अपने हाथ की ओर इशारा किया, जिसमें वह गिफ्ट नज़र आ रहा था।
‘‘और मेरा गिफ्ट?’’ ज़ारा ने शोख अंदाज़ में पूछा।
‘‘अभी तुम्हारा बर्थडे एक महीने बाद आयेगा। उस वक्त गिफ्ट भी मिल जायेगा।’’ शीले के लापरवाही भरे अंदाज़ पर ज़ारा ने उसे घूरा। फिर वह कुछ कहने वाली थी लेकिन उसी समय एक नक्कारे जैसी आवाज़ ने सबको खामोश कर दिया। दरअसल ये सम्राट के आने का एलान था। सम्राट अपने खास दरवाज़े से अन्दर दाखिल हो रहा था। फिर वहाँ मौजूद लोगों ने उसकी जय जयकार शुरू कर दी।
यह जय जयकार उस समय बन्द हुई जब सम्राट का खास वज़ीर भाषण देने के लिये स्टेज पर आया।
‘‘दोस्तों, आज हम यहाँ अपने प्रिय सम्राट का जन्मदिन मनाने के लिये इकट्‌ठा हुए हैं। आप लोग खूब खुशियां मनाईए। क्योंकि ये हमारे प्रिय बादशाह का जन्मदिन है।’’ उसकी बात खत्म होते ही हाल में तेज़ म्यूज़िक गूंज उठा और वहाँ मौजूद तमाम लोग उसकी धुन पर थिरकने लगे।
‘‘हमारे सम्राट आज कितने साल के हो गये हैं?’’ शीले के साथ थिरकते हुए ज़ारा ने पूछा।
‘‘तीन सौ बीस साल के।’’ शीले ने जवाब दिया।
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Jemsbond
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Re: दुनिया से दूर

Unread post by Jemsbond » 22 Dec 2014 22:14

इस ग्रह पर तीन सौ बीस साल की उम्र ग़ैरमामूली नहीं थी। क्योंकि यहाँ के लोगों की औसत उम्र ही पाँच सौ साल थी। आल्टर नामी यह ग्रह किसी अनजान गैलेक्सी के एक कोने में स्थित तारे के परित: चक्कर लगा रहा था।
फिलहाल सम्राट की उम्र को भुलाकर शीले व ज़ारा ग्रह पर स्थित एक विशालकाय पार्क के कुदरती नज़ारों के बीच एक दूसरे में खोये हुए थे।
‘‘शीले।’’ ज़ारा ने हौले से पुकारा।
‘‘हां।’’
‘‘हमें अब शादी कर लेनी चाहिए। अब तुम्हारे बिना मेरा कहीं जी नहीं लगता।’’
‘‘बस एक महीना और रुक जाओ। मेरा प्रोजेक्ट अपनी आखिरी स्टेज में है। जिस दिन भी यह पूरा हो गया, मैं इस ग्रह का महानतम वैज्ञानिक बन जाऊंगा। उसके बाद हम और तुम शादी करेंगे और सब कुछ भुलाकर बस एक दूसरे में खो जायेंगे।’’
‘‘शीले! तुमने आजतक नहीं बताया कि तुम्हारा प्रोजेक्ट आखिर है क्या।’’
‘‘तुमने आजतक पूछा ही नहीं। चलो मैं तुम्हें आज अपनी लैब की सैर कराता हूं।’’ शीले ने ज़ारा का हाथ पकड़ा। दोनों पार्क के बाहर आये जहाँ उनकी छोटी सी कार मौजूद थी। दोनों कार में बैठे और कार हवा में उठकर चन्द लम्हों में सैंकड़ों किलोमीटर फी सेंकड की रफ्तार हासिल कर चुकी थी।
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उनकी कार जब समुन्द्र के बीच उभरे एक छोटे द्वीप पर उतरी तो ज़ारा ने हैरत से शीले की तरफ देखा।
‘‘तुम्हारी प्रयोगशाला यहाँ है? इस निर्जन द्वीप पर?’’
‘‘हाँ। क्योंकि मैं अपने काम में भीड़ भाड़ और शोर शराबा पसंद नहीं करता। यहाँ पर मेरे बाद तुम अकेली शख्सियत हो, जो मेरी प्रयोगशाला में दाखिल होने जा रही हो।’’ शीले ने एक ओर इशारा किया जहाँ एक छोटी सी इमारत नज़र आ रही थी।
‘‘तो क्या तुमने अपनी पूरी प्रयोगशाला का निर्माण अकेले अपने हाथों से किया है?’’
‘‘नहीं। मैंने इण्टेलिजेंट मशीनों की मदद ली थी।’’ बातें करते हुए दोनों उस इमारत में दाखिल हो गये। ज़ारा को एक बार फिर हैरत का सामना करना पड़ा। क्योंकि बाहर से इमारत जितनी छोटी नज़र आ रही थी, अन्दर उतनी ही विशाल हॉल की तरह नज़र आ रही थी, इतनी कि ज़ारा को बाहर का द्वीप इसके मुकाबले छोटा लग रहा था।
और इस पूरे हॉल में जगह जगह हवा में नाचती होलोग्राफिक फिल्में एक अजीब ही मंज़र पेश कर रही थीं। इन फिल्मों में अलग अलग दृश्य नज़र आ रहे थे। कहीं उगता हुआ पौधा, कहीं सुपरनोवा का विस्फोट और फिर उसका ब्लैक होल में बदलना तो कहीं एटम के अन्दर नाचते इलेक्ट्रान सब कुछ इन फिज़ा में दिखती फिल्मों में मौजूद था।
‘‘ये प्रयोगशाला तो किसी तरफ से नहीं दिखती है। मुझे तो यह कोई बहुत बड़ा सिनेमाहाल लग रहा है जहाँ पचासों फिल्में एक साथ चल रही हैं।’’ ज़ारा ने चारों तरफ नज़रें दौड़ाते हुए कहा।
‘‘ये फिल्में नहीं बल्कि वास्तविक घटनाएं हैं। जो यूनिवर्स के अलग अलग कोनों में एक साथ घटित हो रही हैं। और मेरे प्रोजेक्ट से इनका गहरा सम्बन्ध् है।’’ शीले ने ज़ारा के पास आकर कहा।
‘‘शीले तुमने अभी तक अपने प्रोजेक्ट के बारे में कुछ नहीं बताया।’’
‘‘अब मैं वही बताने जा रहा हूं। दरअसल मैं इस लैब में एक नया यूनिवर्स बनाने जा रहा हूं। जिसका मैं ईश्वर बनने वाला हूं।’’ शीले की बात सुनकर ज़ारा हैरान रह गयी और बेयकीनी से उसकी ओर देखने लगी।
‘‘ये तुम क्या कह रहे हो? ये कैसे मुमकिन है?’’
‘‘मैं तुम्हें विस्तार से बताता हूं। हमारे ग्रह के वैज्ञानिकों ने बरसों पहले यह खोज कर ली है कि हम दरअसल ऐसी दुनिया में हैं जो एक मल्टीवर्स का हिस्सा है। यानि जिस यूनिवर्स में हम रह रहे हैं, इस तरह के अनगिनत यूनिवर्स एक मल्टीवर्स दुनिया में उबलते पानी के बुलबुलों की तरह पैदा होते रहते हैं। फिर ये बुलबुले बड़े होते हैं और आखिर में फूट कर खत्म हो जाते हैं। बुलबुले की तरह एक यूनिवर्स के बनने की शुरूआत क्वांटम फ्ल्क्चुएशन के द्वारा होती है और साथ ही पैदा होते हैं भौतिकी के कुछ नियम, जो उस पैदा हुए यूनिवर्स की भविष्य की घटनाओं को निर्धारित करते हैं। बहुत से यूनिवर्स अपनी शुरूआती जिंदगी में ही खत्म हो जाते हैं, पानी के बहुत से बुलबुलों की तरफ। लेकिन कुछ हमारे यूनिवर्स जैसे अरबों साल तक क़ायम रहते हैं, यहाँ तक कि उनमें गैलेक्सीज, सितारे, ज़मीनें और उनमें जिंदगी पैदा हो जाती है। जब तक यूनिवर्स क़ायम रहता है तब तक वह बुलबुले ही की तरह लगातार फैलता रहता है, जैसे कि हमारा यूनिवर्स फैल रहा है।’’
‘‘लेकिन तुम्हारा प्रोजेक्ट---!’’ ज़ारा ने बीच ही में उसे टोका।
‘‘मैंने अपने प्रोजेक्ट में इसी लैब के भीतर कृत्रिम क्वांटम फ्ल्क्चुएशन को पैदा करने और उसे कण्ट्रोल करने में सफलता हासिल कर ली है। वह क्वांटम फ्ल्क्चुएशन जो यूनिवर्स को पैदा करता है। यानि अब मैं खुद अपना यूनिवर्स क्रियेट कर सकता हूं। एक ऐसा यूनिवर्स जिसके भौतिकी के नियम खुद मैं बनाऊंगा और कण्ट्रोल करूंगा। दूसरे शब्दों में उस यूनिवर्स का मैं ईश्वर बन जाऊंगा।’’
‘‘शीले, तुम महान हो।’’ ज़ारा ने आगे बढ़कर उसकी पेशानी चूम ली।
उसी समय वहाँ फोन की आवाज़ गूंज उठी। यह फोन ज़ारा का था। ज़ारा ने देखा, फोन पर उसके बाप यानि सम्राट के खास वज़ीर का चेहरा नज़र आ रहा था।
‘‘ज़ारा, तुम कहाँ हो? फौरन मेरे पास आओ। मुझे तुमसे कुछ ज़रूरी बात करनी है।’’ कहकर उसके बाप ने फोन काट दिया।
‘‘मुझे जाना होगा शीले। तुम्हारा प्रोजेक्ट मैं फिर कभी विस्तार से समझूंगी।’’
‘‘बाय ज़ारा। लेकिन अभी इस प्रोजेक्ट को तुम अपने तक ही रखना।’’
‘‘मेरे ऊपर भरोसा रखो। मैं किसी को नहीं बताऊंगी।’’
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Jemsbond
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Re: दुनिया से दूर

Unread post by Jemsbond » 22 Dec 2014 22:15

ज़ारा का बाप ज़ारा के इंतिज़ार में बेचैनी से अपने कमरे में टहल रहा था। जैसे ही ज़ारा उसके पास पहुंची वह बेताबी के साथ उसकी ओर बढ़ा।
‘‘ज़ारा तुम्हारे लिये एक खुशखबरी है।’’
‘‘खुशखबरी---?’’ ज़ारा ने उस खुशखबरी के बारे में पूछना चाहा लेकिन उसका बाप पहले ही बताने के लिये मुंह खोल चुका था।
‘‘सम्राट ने अपने जन्मदिन के उत्सव में तुम्हें देखा और पहली ही नज़र में पसंद कर लिया। वह तुम्हें अपनी रानी बनाना चाहते हैं। अब तुम बहुत जल्द इस ग्रह की मलिका बनने वाली हो।’’
‘‘क्या!’’ ज़ारा लगभग चीख पड़ी, ‘‘लेकिन उसके तो पहले ही दो सौ रानियां हैं।’’
‘‘उससे क्या फर्क पड़ता है। हमारे ग्रह पर सम्राट के लिये रानियों की संख्या पर कोई पाबंदी नहीं है। ज़ारा हम लोग खुशकिस्मत हैं कि सम्राट ने तुम्हें पसंद किया है। अब हमारे परिवार को किसी चीज़ की कमी नहीं होगी। हम दुनिया के हर ऐशोआराम का मज़ा लेंगे। तुम्हारे एक इशारे पर दुनिया की हर चीज़ तुम्हारे क़दमों में पहुंच जायेगी।’’
‘‘मेरे पिता, दुनिया का हर ऐशोआराम मुझे वह नहीं दे सकता जो मैं चाहती हूं।’’
ज़ारा की बात सुनकर उसके बाप ने चौंक कर उसकी ओर देखा, ‘‘क्या मतलब, तुम क्या चाहती हो?’’
‘‘मेरे पिता। मैं एक लड़के से प्रेम करती हूं और उससे शादी करना चाहती हूं।’’
‘‘क्या बेवकूफी की बातें कर रही हो। वह लड़का जो भी हो। सम्राट की बराबरी तो हरगिज़ नहीं कर सकता। तुम भी दूसरी लड़कियों की तरह बेवकूफ हो गयी हो, जो किसी की बातों में आकर अपना सब कुछ लुटाने पर तैयार हो जाती हैं।’’
‘‘मेरे पिता, मैं शीले से प्यार करती हूं जो शायद इस ग्रह का सबसे बुद्विमान नौजवान है।’’
‘‘मैं नहीं मानता। वह सिर्फ एक बेवकूफ और फटीचर लड़का है। हमेशा अपने में खोया हुआ। अरे उसका तो कोई दोस्त भी नहीं है। और फिर कहां सम्राट, कहां वह। ज़ारा मैं तुम्हें ऐसी बेवकूफी हरग़िज़ नहीं करने दूंगा। जब तुम इस ग्रह की रानी बनोगी तो शीले जैसे लड़के तो तुम्हारे पैर चूमेंगे।’’
‘‘यह गलत है मेरे पिता। शीले जैसे लोग पैर नहीं चूमते। वह तो दिलों पर राज़ करते हैं। लेकिन ये बात आप नहीं समझेंगे। लगता है मुझे सीधे सम्राट ही से बात करनी पड़ेगी।’’ इससे पहले कि वज़ीर उसे रोकता ज़ारा तेज़ी से कमरे के बाहर निकल गयी। वज़ीर अपना सर पकड़कर बैठ गया।
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क्रमशः

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