New Romantic Thriller Saga - शायद यहीं तो हैं ज़िंदगी – प्यार की अधूरी दास्तान

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jasmeet
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Re: New Romantic Thriller Saga - शायद यहीं तो हैं ज़िंदगी – प्यार की अधूरी दास्तान

Unread post by jasmeet » 25 Oct 2016 09:13

पर बात खत्म कर देती हूँ. इतना सुनते ही जग्गा ज़ोर ज़ोर से हँसे लगता हैं.

जग्गा- माफी और वो भी इस चोरी से. अरे मेरी चिड़िया अगर तू मेरी बात मान ले तू मैं तुझे रानी बनाकर रखुगा. फिर तुझे कोई भी आँख उठा कर नहीं देखेगा.

निशा- देखिए प्लीज़ हमें जाने दीजिए. राधिका के तरफ से मैं आपसे माफी आंटी गती हूँ.

जग्गा- अरे मेरी चिड़िया तू क्या समझती है की तेरे माफी माँगे से मैं तुम दोनों को जाने दे दूँगा क्या. अगर इसे मैं अपनी रानी बनाऊंगा तो तुझे अपनी रखैल……..

राधिका- देखिये मिस्टर. जग्गा जी आप अपनी हद से आगे तरफ रहे है. आप अपने औकात में रहकर बात कीजिए. वरना अंजाम बुरा होगा.
जग्गा- अच्छा तो तू बताईएएगी मुझे मेरी औकात. देखहू तू ज़रा मैं भी तो की तू मेरा क्या बागड लेगी.

इतना सुनते ही राधिका का चेहरा गुस्से से लाल हो जाता है और वो एक कॉल करती हैं. राधिका को कॉल करते देख कर जग्गा ज़ोर ज़ोर से हँसे लगता है और बोलता है.

जग्गा- लगता है अपने बाय्फ्रेंड को बुला रही है मुझको पिटवाने के लिए. ज़रा मैं भी तो देखूं कौन साला मर्द पैदा हो गया जो जागा को छूउ भी सके.

राधिका- फोन पर बात करते हुए – हेलो सर मुझे एक जागा नाम का आदमी परेशान कर रहा है और बहुत बतदमीज़ी से पेश आ रहा है. राधिका अब तक जो बातें होती है वो पूरी बात बता देती है और कुछ अपने तरफ से भी नमक मिर्ची लगा कर जोड़ देती है.
उधर से आवाज़ आती है क्या वो आदमी अभी भी आपके पास खड़ा है. राधिका हां में जवाब देती हैं. उधर से आवाज़ आती हैं ज़रा मैडम प्लीज़ फोन उसे दीजिएगा. मैं उससे ज़रा बात करता हूँ .

इतना सुनते ही राधिका उसको फोन थमा देती है………………………………………………

जग्गा- आबे कौन बोल रहा है भी. किस साले की मौत आई है जो जग्गा से पंगा ले रहा है.उधर से आवाज़ आती है – तो आप ही जग्गा है. अरे भाई क्यों आप उन दोनों लड़कियों को बेवज़ह परेशान कर रहे हैं.आपकी भलाई इसी में है की आप चुप चाप वहां से चले जैइयाए वरना अंजाम बुरा होगा.इतना सुनते ही जागा के सर पर खून सवार हो जाता है और वो ज़ोर से चिल्ला कर बोलता है

जग्गा- अगर सक्चा मर्द है तो फोन पर क्या बात कर रहा है .दम है तो सामने आ कर जग्गा का सामना कर. तुझे यही पर ज़िंदा ज़मीन में दफ़न कर दूँगा.उधर से आवाज़ आती है- देखिए भाई साहब ज़रा तमीज से बात कीजिए मैं आपसे क़ायदे से बात कर रहा हूँ इसका मतलब आप कुछ भी बोल देंगे. आप की भलाई………………
बात पूरी होने से पहले जग्गा बोल पड़ता है- अगर अपने आंटी का दूध पिया है तो आ जा सामने तुझे अभी पता लग जाएगा की जग्गा क्या चीज़ है.उधर से फिर – आप वही पर रुकिये हम अभी आते हैं. ज़रा बताइए इस वक्त आप कहा पर हैं. हम अभी पहुँचते हैं.

जग्गा- चल आ जा मैं इस वक्त इंत कॉलेज के मैं दरवाजा पर हूँ देखता हूँ तू मेरा क्या बिगड़ लेता है. इतना कहकर जग्गा फोन काट देता है और ज़ोर से हंसता है.

जग्गा- लगता है हिज़रों की फ़ौज़ आ रही है मुझको मरने के लिए.
जग्गा घूर कर राधिका को देखता है और धीरे से कहता है- वैसे एक बात बोलू मेरी रानी अगर तू मेरे साथ चले तो मैं तुझे माफ कर सकता हूँ. अगर तू मेरे नीचे एक बार आ जा फिर तू देख आंटी कसम तेरी दिल नहीं करेगा मुझे चोद कर जाने को. जानती हैं मेरे केला बहुत बड़ा और मोटा है. पूरे 9′ इंच का है. तुझे बहुत मजा दूँगा.

इतना सुनते ही राधिका का पड़ा एकदम हेँ हो जाता है
राधिका- अब तक मैं तेरी हर बात को मज़ाक में टाल रही थी अब तुझे बताती हूँ की मैं क्या चीज़ हूँ. इतना कहकर राधिका ज़ोर से चिल्ला कर भीड़ इकट्ठा करती है

राधिका- भाइयों और बहनों ज़रा प्लीज़ मेरी बात सुनिए . वहां खड़ी भीड़ राधिका की आवाज़ सुनकर सब लोग इकट्ठा होने लगते हैं.
राधिका- ये भाई साहब आप लोगों से कुछ कहना चाहते हैं. इतना सुनते ही जग्गा का चेहरे का रंग उड़ जाता है और वो एक दम से घबरा जाता है.

जग्गा- धीरे से ये क्या तमाशा कर रही है तू. चल इन लोगों को यहां से दूर भगा.

राधिका- देखिए भाई लोगों ये जग्गा आप सब से अपनी कुछ पर्सनल बात बताना चाहते हैं. ज़रा आप सब इन्हीं से पूछ लीजिए.
जग्गा को तो जैसे साप सुंग जाता है और वो चाह कर भी एक शब्द नहीं बोल पता है.

तभी भीड़ में से एक आवाज़ आती है – अरे भाई क्या पर्सनल बात बताने वाले हो ज़रा हम भी तो सुने.
जग्गा- वो……….मैं…… कुछ…………नहीं……….कोई …..बात……….नहीं…… बस………आप……….सब …..चले …जाए….
राधिका- क्या जागा जी ज़रा इनको भी तो बताइए आप तो मुझे जबारजस्ति बात बता रहे थे. आप बताएँगे की मैं बोल दम…………..

जग्गा- देखिए……….. वो……. कोई ………बात……ना…ना….नहीं………………
इतने में फिर एक आवाज़ आती है- अरे भाई ऐसी कौन सी पर्सनल बात है जो तू इनको कह सकता है और हमें नहीं . बता ना.

राधिका- ये भाई साहब अपने केले के बारे में बात कर रहे थे. राधिका जागा की ओर देखते हुए बोलती हैं ज़रा इन्हें भी तो बताइए ना.
इतने में फिर आवाज़ आती है- आबे कौन से केले की बात कर रहा है खाने वाला या वो वाला.

जग्गा तो तो जैसे कुछ समाज ही नहीं आता की वो क्या बोले. और वो चुप हो कर भीड़ के बीच में चुप चाप खड़ा रहता है.
फिर एक आवाज़ आती है-….

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Re: New Romantic Thriller Saga - शायद यहीं तो हैं ज़िंदगी – प्यार की अधूरी दास्तान

Unread post by jasmeet » 25 Oct 2016 09:14

आबे क्या साइज है तेरे केले का ज़रा हमें भी तो बता. इन लड़कियों को तो बताने में शर्म नहीं आ रहा था और अब साला शरमाता है .

जग्गा- वो बात …. है ना…. मुझे ….कुछ ……….ग़लतफहमी ………. हो गयी………….थी.

भीड़ में से फिर दूसरी तरफ से- आबे बता ना कितना इंच का है तेरा केला.
जग्गा को अब मज़बूरन बोलना ही पड़ता हैं- और वो बस इतना ही बोल पता है 9′ का.

जग्गा का दशा देखकर उसके दोनों दोस्त रामू और श्याम धीरे से खिसक लेते हैं.
राधिका- अरे जग्गा जी ज़रा खुल कर इन लोगों को भी बताइए ना अपने केले के बारे में.

इतने डियर में कुछ लड़कियाँ भी भीड़ में से निकल कर जग्गा की ओर भी ड़ थी हैं. और जग्गा बिलकुल घबरा जाता हैं.
राधिका- देखिए इनमें से कोई भी आदमी इनके ऊपर हाथ नहीं उठयगा. आज इनका बारात यही मौजूद सारी लड़कियाँ ही निकलेंगी.

उसके बाद तो भीड़ में से कई और लड़की अपना जुटती , सैंडल , और कुछ लड़के अपना बेल्ट निकल कर लड़कियों को थमा देते है और उसके बाद जग्गा की वो पिटाई होती है की उसका मुंह सूज जाता है .

तभी पुलिस की सायरन की आवाज़ आती है और कुछ पुलिस वाले जीप से उतार कर आते हैं. पुलिस को आता देख कर वहां मौजूद भीड़ एक साइड में हो जाती हैं.

एक पुलिस वाला- हाँ तो किसने मेरे पास अभी फोन किया था. इनमें से राधिका और निशा कौन हैं. और वो हरामी जग्गा कौन है .

राधिका- मैंने ही आपको फोन किया था सर. और जग्गा की ओर इशारा करते हुए. ये ही है जो आपको धमकी दे रहा था. कह रहा था मैं ही इस एरिया का दादा हूँ . और सर आपको बहुत गंदी गंदी गली भी दे रहा था.

इतने डियर में उस पुलिस वाले की नज़र इंस्पेक्टर राहुल पर पड़ जाती है और वो राहुल को आने का इशारा करता हैं.राहुल उनके नज़दीक आता हैं.

पुलिसवाला- सर इस वक्त मैं एक बहुत जरूरी मीटिंग में था. मगर आपका कॉल आया इसके वजह से मुझे आना पड़ा.

राहुल- चलिए ख़ान जी आपने मेरी बात रख ली और समय पर आप आ गये. ये ही है जग्गा इसे ले जाओ और इसकी इतने अच्छे से कहतीदारी करो की इसकी दादागिरी सब जेल के सलाखों के पीछे गुम हो जाए.

ख़ान- सर आप चिंता मत कीजिए ऐसे दो ताकि के टपोरी को मैं सीधा करना बहुत अच्छे से जनता हूँ.
राधिका- इसका मतलब आप मेरे कहने पर यहां नहीं आए. राधिका ख़ान से पूछती है.

मैडम ऐसी कोई बात नहीं है आप का कॉल भी हमारे लिए इंपॉर्टेंट है मगर हमें सर के कहने की वजह से इस वक्त आना पड़ा.
ख़ान- सर इस सिचुयेशन को तो आप ईज़िली हैंडिल कर सकते थे फिर आपने हमें क्यों बुलाया.
राहुल- यार ऐसे छोटे मोटे गुंडे से उलझकर मैं अपनी रेप्युटेशन खराब नहीं करना चाहता था. इसलिए.

अब चौकने की बड़ी राधिका की थी-
राधिका- इसका मतलब मैं इस गुंडे से इतनी डियर तक उलझती रही उसका कोई वॅल्यू नहीं है क्या..

राहुल- अरे मैडम आप तो वाईकाए में बहुत स्ट्रॉंग लड़की हो. आपकी हिम्मत और बुद्धि की तो अंकल देनी चाहिए.
थोड़ी डियर बाद पुलिस की गाड़ी जग्गा को पकड़ कर ले जाती है और फिर माहौल पहले जैसे हो जाता है.

राधिका- अच्छा थेन्क यू इंस्पेक्टर साहब. आपने जो हमारी मदद की . चलो निशा अब हम कैंटीन चलते हैं.

निशा- यार कैसी लड़की हो तुम ये साहब ने हमारी इतनी मदद की और तुम बस थेन्क यू बोल कर जा रही हो. यार चल कर कुछ चाय नाश्ते इनके साथ कर लेते हैं.

राधिका- अरे निशा तू नहीं जानती इन पोलिसेवालों को सब एक जैसे ही होते हैं.

राहुल- सब नहीं मैडम कुछ लोग है हमारे डिपार्टमेंट में. इस समाज में हर टाइप के इंसान होते हैं कुछ अच्छे कुछ बुरे. अगर एक बुरे इंसान से हमें परेशानी होती है तो पूरे समाज को तो बुरा नहीं कह सकते ना.

निशा- अरे चोद ना यार तू भी बस हर बात लेकर बैठ जाती है चलिए सर आप हमारे साथ चलकर चाय कोफ़ी पी लीजिए.

राहुल- ठीक है . इतना कहकर राहुल उन दोनों के साथ कैंटीन में चला जाता हैं.

राहुल- कूल डाउन मैडम. आपकी सहेली सही कह रही है आप भी छोटी छोटी बात को लेकर चलती हैं. तभी राहुल कुछ स्नॅक्स और चाय का आर्डर देता है.

राहुल- अरे आप दोनों ने तो अपना नाम भी नहीं बताया.
निशा- मेरा नाम निशा अग्रवाल हैं. मैं इसी कॉलेज के सेकेंड एअर की स्टूडेंट हूँ और भी.कॉम कर रही हूँ. और ये है मेरी बेस्ट फ़्रेंड राधिका शर्मा . ये भी मेरी क्लास मेट है.

राहुल- वैसे राधिका जी आपको गुस्सा बहुत आता है. आप तो सचमुच आटम बॉम्ब हैं. इतना कहकर राहुल हँसे लगता हैं. बायें थे वे इयां इंस्पेक्टर राहुल मल्होत्रा. मैं पुलिस में जाय्न हुए लगभग एक साल हो गया हैं.

राधिका- गुस्से से आपको किसने बताया की मैं आटम बॉम्ब हूँ. ज़रा बताइए मुझे अभी साले का सर फुड दूँगी.
राहुल- हंसते हुए अरे वो जागा के साथ दो आदमी थे ना वही कह रहे थे. मैंने खुद सुना.

निशा- सर आप वहां पर खड़े थे तो आप ने हमें बचाया क्यों नहीं उस जग्गा से.
राहुल- दा-असल मैं ये देखना चाहता था की वो लोग तुम्हारी सहेली को आटम बॉम्ब क्यों बोल रहे थे. मुझे लगा की ये अगर सच में आटम बॉम्ब है तो जरूर कुछ धमाका करेगी. लेकिन सच काहु आपकी सहेली आटम बॉम्ब से भी बढ़कर है.

राधिका- तो अब आप भी मुझे वही नाम से पुकारने लगे.

राहुल- ई आम सॉरी राधिका जी मैं बस मज़ाक कर रहा हूँ. आप सच….

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Re: New Romantic Thriller Saga - शायद यहीं तो हैं ज़िंदगी – प्यार की अधूरी दास्तान

Unread post by jasmeet » 25 Oct 2016 09:15

में बहुत बहादुर हैं. मैं आपको सचमुच सल्यूट करता हूँ.
अगर आप जैसी लड़की रहे और जिसका ऐसा इरादा हो तो गुंडे बदमाश तो किसी को भी छेड़ने की गलती नहीं करेंगे.

निशा- अरे सर आप राधिका को नहीं जानते इसने बारे बारे किससे किए हैं. मैं इसे 8 साल से जानती हूँ. अभी तक जिसने भी इसे प्रपोज़ या छेड़ा है इसने तो उसकी पूरी बंद बजा डाली हीं.

राहुल- भाई अभी तो मैं थोड़ी देर फ्री हूँ आप चाहे तो इनका किस्सा हमें बता सकती हैं.

राधिका- हुमा गैर लोगों को अपनी बात बताना जरूरी नहीं समझते. इतना कहकर राधिका निशा को चलने का इशारा करती हैं.
निशा- यार प्लीज़ रुक ना क्यों तू हर बात को सीरियस्ली लेती है. निशा के बोलते ही राधिका अपनी सीट पर दुबारा बैठ जाती हैं.

निशा- जानते हो साहब ….
राहुल- प्लीज़ निशा जी आप मुझे साहब मत कहिए आप मुझे राहुल बुला सकती हैं.
निशा- ओके राहुल जी एक बार जब मैं इसके साथ सिनेमा से आ रही थी तभी आकाश मेरे कॉलेज का ही लड़का है वो राधिका को बहुत प्यार करता था. बेचारा सुबह शाम रात दिन राधिका का ही नाम लेता था. एक दिन उसके दोस्तों ने कह दिया अरे प्यार करता है तो जा कर प्रपोज़ कर दे ना. पता चला की तू उसका नाम लेता रही जाएगा और कोई और उसको पाटकर ब्याह रचा लेगा.

बस फिर क्या था वो बस इनको प्रपोज़ करने की गलती कर बैठा जानते हो राहुल इसने उसका क्या जवाब दिया………..

आकाश- राधिका मैं तुमसे बहुत प्यार करता हूँ. मैं तुम्हारे लिए पागल जैसे यहां से वहां , वहां से यहां दिन रात भटकता रहता हूँ. प्लीज़ राधिका मेरी इस बीमारी का इलाज़ तुम ही कर सकती हो . मैं तुम्हारे प्यार में इस कदर पागल हो चुका हूँ की मुझे तुम्हारे सिवा कुछ दिखाई नहीं देता राधिका ई लव यू.

राधिका- अच्छा तो आप मेरे प्यार में पागल हो गये हैं. मेरे साथ चलिए मैं आपकी बीमारी हमेशा के लिए ठीक कर देती हूँ.

फिर क्या था राधिका ने एक नंबर पर कॉल किया और उसकी बाइक पर बैठ गयी.
राहुल- फिर क्या हुआ…

ये महारानी उस बेचारे को सचमुच पागल खाने ले कर चली गयी उसको वहां भरती करने के लिए. इस लिए उसने पागल खाने वालों के अड्रेस पर फोन किया था.

राहुल- हां ….हां………हां मेरी हँसी नहीं रुक रही निशा जी …….फिर क्या हुआ उसके साथ…हां.हां..

निशा- जब वो वही पहुँची तो दो कॉन्स्टेबल उनके तरफ आते दिखाई दिए. अभी भी आकाश को कुछ समाज नहीं आ रहा था की राधिका उसको कहा ले जा रही है.

पहला आदमी- अरे मैडम आपने ही हमारे पाद फोन किया था क्या.
राधिका- हां. आकाश की ओर इशारा करते हुए ये ही हैं वो भाई साहब. इतना सुनते ही दोनों आदमी उसको लगभग घसीटे हुए वॉर्ड में ले जाते हैं और एलेक्ट्रिक शॉक उसके ब्रायन में फिट कर देते हैं. आकाश को सब समाज आ जाता है की मैं सचमुच पागल खाने आ गया हूँ.

बस फिर क्या था आकाश ज़ोर ज़ोर से कहता है की मैं पागल नहीं हूँ .
दूसरा आदमी- हर पागल यही बोलता है. चिंता मत कर दो तीन शॉक में तेरा दिमाग कुछ सही हो जाएगा.

इतना कहकर वो दोनों उसका हाथ पैर बाँध देते हैं और एलेक्ट्रिक शॉक का 2 – 3 झटका देते हैं. और आकाश बेहोश हो जाता है.

फिर राधिका ऑटो पकड़ कर घर चली आती है और आकाश कैसे भी करके दो तीन घंटे में भाग कर वापस आ जाता है.
राहुल- हां. ……..हां……. हां…. यार राधिका आप तो सचमुच कमाल हो.

अब बेचारा जब भी इसको देखता हैं उल्टे पाँव भागता हैं.

राहुल- यार आपका तो सचमुच जवाब नहीं. बेचारा अब दुबारा सपने में भी तुम्हें प्रपोज़ करने की गलती नहीं करेगा.

राधिका- अरे उसकी तो केमिस्ट्री अच्छी थी की वो वहां से भाग गया .नहीं तो मैंने पूरा सेट्टिंग कर के रखा था उसे मजा चकनाने का.

निशा- अरे राहुल जी आप जानते नहीं हैं इसने तो अपनी लाइफ में ऐसे ऐसे करामात बहुत किए हैं. अगर बुरा ना मानो तो एक और किस्सा बताऊं.
राधिका इतना सुनते ही बुरा सा मुंह बनाकर निशा को घूर कर देखती है मगर कुछ बोलती नहीं.

राहुल- अरे वाह नेकी और पूछ पूछ. बताइए मैं जरूर सुनना चाहूँगा.

निशा- हां तो कुछ दिन पहले की बात है एक शाम को मैं और राधिका मार्केट गये थे . मैंने देखा वहां पार आते जाते सब लोग हमें ही घूर कर देख रहे थे. इतने में एक लड़का वहां पर हमारे ठीक सामने आकर खड़ा हो गया उसका नाम प्रशांत था. वो भी हमारे ही कॉलेज का लड़का था.

उसके हाथ में एक लेटर था वो राधिका को थमता हुआ बोला – इस लेटर में मैंने अपने दिल की सारी बातें लिख दिए हैं. अगर तुम्हारा जवाब हां हैं तो मैं कल तुम्हारे फोन का इंतेज़ार करूँगा. इतना बोल कर वो वहां से चला गया.

निशा- यार राधिका देख ना वो मजनू तेरे बारे में क्या लिखा है.
राधिका- अगर तुझे पड़ने का शोवक है तो तू ही पढ़ ले. मुझे ये सब फालतू चीज़ों को पड़ने का ज़रा भी शोवक नहीं हैं. इतना कहकर राधिका ने उस लेटर को मुझे थमा दिया. मैंने भी उस लेटर को अपने पास चुप चाप रख लिया और हम शॉपिंग करने लगे.

शॉपिंग करने के बाद हम एक गर्दन में जाकर बैठ गया और इधर उधर की बातें करने लगे. तभी मुझे ध्यान आए उस लेटर के बारे में.मैंने झट से अपना पर्स निकाला और वो लेटर निकल कर बाहर रख दिया. राधिका ने मेरी तरफ घूर कर देखा और गुस्से से बोली.

मुझसे ज्यादा तो तू बेचैन है….

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