Re: New Romantic Thriller Saga - शायद यहीं तो हैं ज़िंदगी – प्यार की अधूरी दास्तान
Posted: 30 Nov 2016 18:06
लेट जाती हैं और सोचती हैं की आज मेरी खूबसूरती ही मेरी दुश्मन बनती जा रही हैं. सब इंसान चाहता हैं की मैं खूबसूरत दिखू, सब मुझे ही पसंद करे, पर मेरे तो जीना मुषक्ल होता जा रहा है..
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वहां से दूर बिहारी की हवेली में.
बिहारी की उमर करीब 50 साल . मोटा और वजह करीब 90 किलो के आस पास. देखने में बहुत बदसूरत चेहरा, मुंह में पानी चबाते हुए वो अपने सीधी पर से नीचे उतरते हुए आता हैं. वैसे वो इस शहर का एमएलए हैं तो उसकी पहुँच भी बहुत दूर तक थी. इस वजह से कोई भी उससे जल्दी दुश्मनी नहीं लेता था. जो भी उसके खिलाफ जाता या तो वो उसको गायब करवा देता या फिर जान से मरवा देता. आस पास उसके चॅमचे काफी थे. वो अक्सर उन्हीं लोग से घिरा रहता था.
बिहारी- का रे ससुरा तेरा बिटवा क्यों नहीं आ रहा हैं दो दिन से . तबीयत तो नहीं खराब हो गयी उसकी.
बिरजू- मलिक !! ऐसी कोई बात नहीं हैं. बस उसका दिल नहीं लग रहा हैं शायद इसलिए.???
बिहारी- अरे बिरजू देख ना हमारा जूता पर धूल लग गया हैं, चल जल्दी से इसको साफ कर दे,
बिरजू- जी मलिक, और अपने कपड़े से ही वो बिहारी के जूते साफ करने लगता हैं.
बिहारी-कहीं ऐसा तो नहीं हैं की तेरी बेटी की पल्लू में जाकर चुप गया वो , बिहारी हँसे हुए बोला.
बिरजू- मलिक ये आप क्या बोल रहे हैं. कृष्णा ऐसा नहीं हैं.
बिहारी- मैं जनता हूँ मगर राधिका तो ऐसी चीज़ हैं ना.कसम से क्या बेटी पैदा किया हैं तूने.
बिरजू- मलिक बस आप चुप हो जाए मुझे मेरी बेटी के बारे में ये सब सुनना अच्छा नहीं लगता.
बिहारी- अरे तेरी बेटी की तारीफ ही तो कर रहा हूँ. खैर अभी क्या कर रही हैं वो.
बिरजू- जी मलिक अभी पढ़ रही हैं,
बिहारी- क्या करेगा उसको पढ़ा लिखा कर, कोई कलेक्टर वल्लेक्टोर तो नहीं बनाना हैं ना.बस ब्याह कर के अपने पति का बिस्तर गरम करेगी और क्या??
बिरजू- मलिक, बस भी कीजिए,
बिहारी- मैं तो कहता हूँ बिरजू की तू अपनी लड़की की शादी मुझसे करा दे, पूरी जिंदगी उसको रानी बनकर रखूँगा. किसी चीज़ की कमी भी नहीं होने दूँगा. देख मेरे पास क्या नहीं है आज. बारे बारे लोग मेरे पॉन छूते हैं और मेरे जैसे आदमी को तो कोई भी बाप अपनी बेटी देना चाहेगा, चिंता मत कर दहेज मैं बिलकुल नहीं लूँगा बल्कि तुझे मैं पैसों से तौल दूँगा.
बिरजू- मलिक ये नहीं हो सकता, मैं राधिका से इस बारे में कभी बात नहीं कर सकता, वो पहले से ही मेरी वजह से दुखी है. अब मैं उसको और दुख नहीं दे सकता.
बिहारी- ठीक हैं कोई बात नहीं इस बारे में मैं खुद ही उससे बात करूँगा.
बिरजू- नहीं मलिक मेरी बेटी को आप बक्ष दीजिए. हम जैसे हैं उसी में खुश हैं. वो आपका प्रस्ताव कभी नहीं मानेगी.बिहारी ज़ोर से एक लात बिरजू को मरता हैं और वो वही दर्द से बैठ जाता हैं- कुत्ता कहीं हां!!! मेरी ही खाता है और मुझसे ही जुबान लड़ता हैं. अगर तेरी बेटी मेरी नहीं हुई तो मैं उसे और किसी की होने भी नहीं दूँगा. उसकी भलाई इसी में है की मुझसे शादी करले, नहीं तो कल को तेरी बेटी किसी कोठे की शान जरूर बनेगी.
बिरजू- मलिक आप तो पहले से ही शादी शुदा हो. और राधिका तो आपके बेटी जैसी हैं. मलिक मुझे माफ कर दो…..
बिहारी- कुत्ता ,तू बहुत कमीना है रे, अगर तू इस वक्त ज़िंदा है तो बस तू अपनी बेटी की वजह से वरना अब तक मैं तेरा यहाँ पर लाश बिछा दिया होता.
बिरजू- मलिक आपको जो मेरे साथ सुलूख करना है कर लीजिए पर मेरी बेटी को चोद दीजिए.
बिहारी- तेरी बेटी हैं ही ऐसी मैं क्या करूं. कसम से वो एक नशा हैं. कभी ना खत्म होने वाली एक नशा….
बिरजू- मलिक आप सीधे कृष्णा से क्यों नहीं बात कर लेते. अगर वो चाहे तो …………… इतना बोलकर बिरजू चुप हो जाता हैं.
बिहारी अच्छे से जनता था की कृष्णा से इस बारे में बात करना खुद से बघवत करने के बारबार हैं. क्यों की राधिका के तरफ जो आँख उठा के एक बार देख ले तो उसकी आँखें निकल लेगा. और बिहारी कृष्णा से बेवजह उलझना नहीं चाहता था. क्यों की वो किसी के दबाव में नहीं रहता था. भले ही वो अपनी बहन से कैसा भी पेश आता हो मगर राधिका के तरफ उठने वाले हाथ को वो जरूर तोड़ सकता था.कृष्णा को भी भनक थी की बिहारी की नज़र उसकी बहन पर हैं मगर आज तक उसे कोई पाका सबूत नहीं मिला था.इस वजह से वो चुप था.
वही दूसरी तरफ उसका बाप कोई दुनियादारी से कोई मतलब नहीं था. उसे तो बस पीने से मतलब था. उसके लिए चाहे पैसे कहीं से मिले. इसी बात का बिहारी उससे हमेशा फायदा उथाहता था. इसी वजह से उसी के सामने वो अक्सर राधिका के बारे में बात करता रहता. लेकिन जब कृष्णा होता तो वो राधिका की बात गलती से भी नहीं निकलता.
…………………
वही दूसरी तरफ राधिका भी तैयार होकर राहुल से मिलने चली जाती हैं. अभी कुछ डियर पहले उसके मोबाइल पर राहुल का फोन आया था. थोड़ी डियर में वो दोनों एक गर्दन में मिलते हैं.
राधिका- बोलो आज कैसे मुझे याद किया. आख़िर तुम्हें मेरी याद आ ही गयी. हर वक्त काम और सिर्फ़ काम . काम से फुर्सत मिलेगा तब तो मुझे याद करोगे ना.
राहुल- इयां सॉरी डियर पर क्या करूं आज कल मैं बिलकुल टाइम नहीं निकल पता. कैसे भी करके आज समय मिला हैं.
राधिका- अभी से ये हाल हैं….
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वहां से दूर बिहारी की हवेली में.
बिहारी की उमर करीब 50 साल . मोटा और वजह करीब 90 किलो के आस पास. देखने में बहुत बदसूरत चेहरा, मुंह में पानी चबाते हुए वो अपने सीधी पर से नीचे उतरते हुए आता हैं. वैसे वो इस शहर का एमएलए हैं तो उसकी पहुँच भी बहुत दूर तक थी. इस वजह से कोई भी उससे जल्दी दुश्मनी नहीं लेता था. जो भी उसके खिलाफ जाता या तो वो उसको गायब करवा देता या फिर जान से मरवा देता. आस पास उसके चॅमचे काफी थे. वो अक्सर उन्हीं लोग से घिरा रहता था.
बिहारी- का रे ससुरा तेरा बिटवा क्यों नहीं आ रहा हैं दो दिन से . तबीयत तो नहीं खराब हो गयी उसकी.
बिरजू- मलिक !! ऐसी कोई बात नहीं हैं. बस उसका दिल नहीं लग रहा हैं शायद इसलिए.???
बिहारी- अरे बिरजू देख ना हमारा जूता पर धूल लग गया हैं, चल जल्दी से इसको साफ कर दे,
बिरजू- जी मलिक, और अपने कपड़े से ही वो बिहारी के जूते साफ करने लगता हैं.
बिहारी-कहीं ऐसा तो नहीं हैं की तेरी बेटी की पल्लू में जाकर चुप गया वो , बिहारी हँसे हुए बोला.
बिरजू- मलिक ये आप क्या बोल रहे हैं. कृष्णा ऐसा नहीं हैं.
बिहारी- मैं जनता हूँ मगर राधिका तो ऐसी चीज़ हैं ना.कसम से क्या बेटी पैदा किया हैं तूने.
बिरजू- मलिक बस आप चुप हो जाए मुझे मेरी बेटी के बारे में ये सब सुनना अच्छा नहीं लगता.
बिहारी- अरे तेरी बेटी की तारीफ ही तो कर रहा हूँ. खैर अभी क्या कर रही हैं वो.
बिरजू- जी मलिक अभी पढ़ रही हैं,
बिहारी- क्या करेगा उसको पढ़ा लिखा कर, कोई कलेक्टर वल्लेक्टोर तो नहीं बनाना हैं ना.बस ब्याह कर के अपने पति का बिस्तर गरम करेगी और क्या??
बिरजू- मलिक, बस भी कीजिए,
बिहारी- मैं तो कहता हूँ बिरजू की तू अपनी लड़की की शादी मुझसे करा दे, पूरी जिंदगी उसको रानी बनकर रखूँगा. किसी चीज़ की कमी भी नहीं होने दूँगा. देख मेरे पास क्या नहीं है आज. बारे बारे लोग मेरे पॉन छूते हैं और मेरे जैसे आदमी को तो कोई भी बाप अपनी बेटी देना चाहेगा, चिंता मत कर दहेज मैं बिलकुल नहीं लूँगा बल्कि तुझे मैं पैसों से तौल दूँगा.
बिरजू- मलिक ये नहीं हो सकता, मैं राधिका से इस बारे में कभी बात नहीं कर सकता, वो पहले से ही मेरी वजह से दुखी है. अब मैं उसको और दुख नहीं दे सकता.
बिहारी- ठीक हैं कोई बात नहीं इस बारे में मैं खुद ही उससे बात करूँगा.
बिरजू- नहीं मलिक मेरी बेटी को आप बक्ष दीजिए. हम जैसे हैं उसी में खुश हैं. वो आपका प्रस्ताव कभी नहीं मानेगी.बिहारी ज़ोर से एक लात बिरजू को मरता हैं और वो वही दर्द से बैठ जाता हैं- कुत्ता कहीं हां!!! मेरी ही खाता है और मुझसे ही जुबान लड़ता हैं. अगर तेरी बेटी मेरी नहीं हुई तो मैं उसे और किसी की होने भी नहीं दूँगा. उसकी भलाई इसी में है की मुझसे शादी करले, नहीं तो कल को तेरी बेटी किसी कोठे की शान जरूर बनेगी.
बिरजू- मलिक आप तो पहले से ही शादी शुदा हो. और राधिका तो आपके बेटी जैसी हैं. मलिक मुझे माफ कर दो…..
बिहारी- कुत्ता ,तू बहुत कमीना है रे, अगर तू इस वक्त ज़िंदा है तो बस तू अपनी बेटी की वजह से वरना अब तक मैं तेरा यहाँ पर लाश बिछा दिया होता.
बिरजू- मलिक आपको जो मेरे साथ सुलूख करना है कर लीजिए पर मेरी बेटी को चोद दीजिए.
बिहारी- तेरी बेटी हैं ही ऐसी मैं क्या करूं. कसम से वो एक नशा हैं. कभी ना खत्म होने वाली एक नशा….
बिरजू- मलिक आप सीधे कृष्णा से क्यों नहीं बात कर लेते. अगर वो चाहे तो …………… इतना बोलकर बिरजू चुप हो जाता हैं.
बिहारी अच्छे से जनता था की कृष्णा से इस बारे में बात करना खुद से बघवत करने के बारबार हैं. क्यों की राधिका के तरफ जो आँख उठा के एक बार देख ले तो उसकी आँखें निकल लेगा. और बिहारी कृष्णा से बेवजह उलझना नहीं चाहता था. क्यों की वो किसी के दबाव में नहीं रहता था. भले ही वो अपनी बहन से कैसा भी पेश आता हो मगर राधिका के तरफ उठने वाले हाथ को वो जरूर तोड़ सकता था.कृष्णा को भी भनक थी की बिहारी की नज़र उसकी बहन पर हैं मगर आज तक उसे कोई पाका सबूत नहीं मिला था.इस वजह से वो चुप था.
वही दूसरी तरफ उसका बाप कोई दुनियादारी से कोई मतलब नहीं था. उसे तो बस पीने से मतलब था. उसके लिए चाहे पैसे कहीं से मिले. इसी बात का बिहारी उससे हमेशा फायदा उथाहता था. इसी वजह से उसी के सामने वो अक्सर राधिका के बारे में बात करता रहता. लेकिन जब कृष्णा होता तो वो राधिका की बात गलती से भी नहीं निकलता.
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वही दूसरी तरफ राधिका भी तैयार होकर राहुल से मिलने चली जाती हैं. अभी कुछ डियर पहले उसके मोबाइल पर राहुल का फोन आया था. थोड़ी डियर में वो दोनों एक गर्दन में मिलते हैं.
राधिका- बोलो आज कैसे मुझे याद किया. आख़िर तुम्हें मेरी याद आ ही गयी. हर वक्त काम और सिर्फ़ काम . काम से फुर्सत मिलेगा तब तो मुझे याद करोगे ना.
राहुल- इयां सॉरी डियर पर क्या करूं आज कल मैं बिलकुल टाइम नहीं निकल पता. कैसे भी करके आज समय मिला हैं.
राधिका- अभी से ये हाल हैं….