Re: New Romantic Thriller Saga - शायद यहीं तो हैं ज़िंदगी – प्यार की अधूरी दास्तान
Posted: 17 Feb 2017 10:29
फिर एक दम तेजी से एक झटके में पूरा लंड राधिका के चुत में डाल देता हैं. राधिका के मुंह से एक जोरदार चीख निकल जाती हैं और उसके आंखों से आँसू बहने लगते हैं. राहुल का लंड करीब 4 इंच तक राधिका के चुत में समा चुका था. उसका कुँवारापन भी अब टूट गया था. उसके चुत से खून की धारा बाहर निकलना शुरू हो गया था.
राधिका दर्द से बहुत बेचैन थी. उसे ऐसा लग रहा था की किसी ने उसके चुत में कोई चाकू डाल दिया हो. राहुल कुछ डियर तक अपना लंड को वही रहने देता हैं और फिर अपना लंड बाहर निकल लेता हैं और फिर तेजी से अंदर डाल देता हैं. इस बार फिर राधिका के मुंह से जोरदार चीख निकल पड़ती हैं. उसके आँसू थमने का नाम नहीं ले रहे थे.
राहुल करीब 5 इंच तक राधिका के चुत में अपना लंड पेल चुका था. फिर से वो एक बार निकलता हैं और इस बार पूरा प्रेशर से तुरंत अंदर डालता हैं. इस बार राधिका का चुत राहुल का लंड को पूरा निगल लेती हैं.
राधिका फिर से चीकती हैं . अब राहुल का पूरा लंड राधिका के चुत में था. करीब 5 मिनट तक वो ऐसे ही रहने देता हैं और फिर धीरे धीरे वो आगे पीछे करने लगता हैं. अब राधिका को दर्द के जगह कुछ मजा आना शुरू हो जाता हैं. उसके मुंह से भी सिसकारी निकलनी शुरू हो जाती हैं. कुछ डियर में राधिका खुद अपना चुत आगे पीछे करने लगती हैं और राहुल भी उसे थाम लेता हैं और वो उसके निपल्स को लगातार अपने हाथों में लेकर मसलता हैं.
लगभग 15 मिनट की चुदाई के बाद राहुल के लंड पर प्रेसस्सूरे तरफ जाता हैं और राधिका भी ऑर्गॅनिसम के करीब पहुंच जाती हैं. और वो उसके चुत में ही अपना पूरा वीर्य चोद देता हैं और तुरंत राधिका के ऊपर पसर जाता हैं. राधिका का भी ऑर्गॅनिसम हो जाता हैं. दोनों की साँसें बहुत तेज चल रही थी. और दोनों आपस में एक दूसरे से लिपटकर एक दूसरे के ऊपर लेट जाते हैं.
कुछ डियर तक वो दोनों अपने साँसों को कंट्रोल कतरे हैं फिर राधिका बाथरूम चली जाती हैं. थोड़ी डियर में फिर उनकी चुदाई शुरू हो जाती हैं और करीब 3 बजे तक राहुल 3 बार राधिका की चुत मरता हैं. राधिका भी करीब 5 बार झाड़ चुकी थी. वो आज बहुत खुश थी.
राहुल और राधिका कुछ डियर में अपने कपड़े पहनते हैं और कुछ डियर इधर उधर की बातें करते हैं.
राहुल उठकर वही ड्रॉयर में से एक सिंदूर का पैकेट राधिका के पास ले कर आता हैं और संजोग या उसकी बदकिस्मती की वो सिंदूर उसके हाथ से छूत कर नीचे फर्श पर बिखर जाता हैं.
राधिका का दिल ज़ोर से धड़कनें लगता हैं. वो ये बात अच्छे से जानती थी की सिंदूर का ईसा गिरना कोई अपसघुन का संकेत हैं. हो ना हो हमारा मिलन शायद खुदा को भी मंजूर नहीं हैं.राहुल- पता नहीं ये कैसे नीचे गिर गया.
राधिका- ये अप्शनगून हैं राहुल. ये अच्छा नहीं होता ,ऐसे सिंदूर नीचे फर्श पर बिकार जाना.
राहुल- तुम भी ना राधिका ये क्या पुराने ख्यालों में विश्वास रखती हो. भला ऐसा भी कहीं होता हैं क्या.
राधिका- हाँ राहुल तुम मानो या ना मानो पर ये संकेत हमारे लिए अच्छा नहीं हैं.
राहुल- जब तुम मुझे चाहती हो और मैं तुम्हें तो फिर हमारे बीच अब कोई तीसरा नहीं आ सकता. और इतनाना कहकर राहुल राधिका को अपने गले लगा लेता हैं.
लेकिन राधिका के दिल में एक अजीब सा दूर्र जन्म ले चुका था.वो जान चुकी थी की जरूर कुछ ना कुछ ऐसा हमारे साथ होने वाला हैं जो हमारी जिंदगी में बदूत बड़ा तूफान ला सकता हैं.
राधिका का अंदाज़ा करीब सही ही होने वाला था क्यों की वाकई उसकी जिंदगी में एक आने वाला तूफान जो उसकी जिंदगी पर भारी पड़ने वाला था. …….
राधिका भी करीब 5 बजे अपने घर आ जाती हैं. उसकी चाल में भी आज बदलाव आ गया था. तीन बार की चुदाई से उसके चुत में दर्द हो रहा था. लेकिन उसे सबसे ज्यादा चिंता थी तो इस बात की , कैसे वो सिंदूर नीचे फर्श पर गिर गया था. क्या हमारे भगवान भी हमें मिलना नहीं चाहते. ये सब सोचकर उसका दिल बैठा जा रहा था.
जैसे ही वो घर पर आती हैं उसके भैया अभी भी घर पर नहीं आए थे. वो झट से नहा धोकर कृष्णा का लाया हुआ शादी पहन लेती हैं. वो वाकई में किसी नयी नवेली दुल्हन की तरह प्यारी सी लग रही थी.
थोड़ी डियर में कृष्णा भी आ जाता हैं.
कृष्णा आज नशे में फुल था. वो लड़खड़ाते हुए घर के अंदर आता हैं और सीधा सोफा पर आकर बैठ जाता हैं.
राधिका- ये क्या भैया आज आपने फिर से शराब पी रखी हैं.
कृष्णा- क्या करूं राधिका ये शराब मुझे जीने नहीं देती, बहुत कोशिश करता हूँ मगर ये साली छुटटी नहीं. अब तो लगता हैं की मेरे मरने के बाद ही चूतेगी.
राधिका- प्लीज़ भैया, ये सब मत बोलिए, मैं आपका शराब चूडौँगी.
कृष्णा- नहीं राधिका ये शराब इतना आसानी से पीछा नहीं छोढ़ाती. तुम्हारे बस में नहीं हैं ये सब.
राधिका- पर भैया कोशिश तो आप कर ही सकते हो ना.
कृष्णा एक टुक राधिका को सर से पॉन तक घूर कर देखता हैं और फिर मुस्करा कर कहता हैं.
कृष्णा- अरे मेरी बहन, सच में तू तो किसी पड़ी जैसी लग रही हैं.इन सारी में तो तू बहुत सुन्दर लग रही हैं.
राधिका- इसलिए भैया आज मेरे जानदिं पर शराब पी कर आए हो, अपनी बहन के लिए….
राधिका दर्द से बहुत बेचैन थी. उसे ऐसा लग रहा था की किसी ने उसके चुत में कोई चाकू डाल दिया हो. राहुल कुछ डियर तक अपना लंड को वही रहने देता हैं और फिर अपना लंड बाहर निकल लेता हैं और फिर तेजी से अंदर डाल देता हैं. इस बार फिर राधिका के मुंह से जोरदार चीख निकल पड़ती हैं. उसके आँसू थमने का नाम नहीं ले रहे थे.
राहुल करीब 5 इंच तक राधिका के चुत में अपना लंड पेल चुका था. फिर से वो एक बार निकलता हैं और इस बार पूरा प्रेशर से तुरंत अंदर डालता हैं. इस बार राधिका का चुत राहुल का लंड को पूरा निगल लेती हैं.
राधिका फिर से चीकती हैं . अब राहुल का पूरा लंड राधिका के चुत में था. करीब 5 मिनट तक वो ऐसे ही रहने देता हैं और फिर धीरे धीरे वो आगे पीछे करने लगता हैं. अब राधिका को दर्द के जगह कुछ मजा आना शुरू हो जाता हैं. उसके मुंह से भी सिसकारी निकलनी शुरू हो जाती हैं. कुछ डियर में राधिका खुद अपना चुत आगे पीछे करने लगती हैं और राहुल भी उसे थाम लेता हैं और वो उसके निपल्स को लगातार अपने हाथों में लेकर मसलता हैं.
लगभग 15 मिनट की चुदाई के बाद राहुल के लंड पर प्रेसस्सूरे तरफ जाता हैं और राधिका भी ऑर्गॅनिसम के करीब पहुंच जाती हैं. और वो उसके चुत में ही अपना पूरा वीर्य चोद देता हैं और तुरंत राधिका के ऊपर पसर जाता हैं. राधिका का भी ऑर्गॅनिसम हो जाता हैं. दोनों की साँसें बहुत तेज चल रही थी. और दोनों आपस में एक दूसरे से लिपटकर एक दूसरे के ऊपर लेट जाते हैं.
कुछ डियर तक वो दोनों अपने साँसों को कंट्रोल कतरे हैं फिर राधिका बाथरूम चली जाती हैं. थोड़ी डियर में फिर उनकी चुदाई शुरू हो जाती हैं और करीब 3 बजे तक राहुल 3 बार राधिका की चुत मरता हैं. राधिका भी करीब 5 बार झाड़ चुकी थी. वो आज बहुत खुश थी.
राहुल और राधिका कुछ डियर में अपने कपड़े पहनते हैं और कुछ डियर इधर उधर की बातें करते हैं.
राहुल उठकर वही ड्रॉयर में से एक सिंदूर का पैकेट राधिका के पास ले कर आता हैं और संजोग या उसकी बदकिस्मती की वो सिंदूर उसके हाथ से छूत कर नीचे फर्श पर बिखर जाता हैं.
राधिका का दिल ज़ोर से धड़कनें लगता हैं. वो ये बात अच्छे से जानती थी की सिंदूर का ईसा गिरना कोई अपसघुन का संकेत हैं. हो ना हो हमारा मिलन शायद खुदा को भी मंजूर नहीं हैं.राहुल- पता नहीं ये कैसे नीचे गिर गया.
राधिका- ये अप्शनगून हैं राहुल. ये अच्छा नहीं होता ,ऐसे सिंदूर नीचे फर्श पर बिकार जाना.
राहुल- तुम भी ना राधिका ये क्या पुराने ख्यालों में विश्वास रखती हो. भला ऐसा भी कहीं होता हैं क्या.
राधिका- हाँ राहुल तुम मानो या ना मानो पर ये संकेत हमारे लिए अच्छा नहीं हैं.
राहुल- जब तुम मुझे चाहती हो और मैं तुम्हें तो फिर हमारे बीच अब कोई तीसरा नहीं आ सकता. और इतनाना कहकर राहुल राधिका को अपने गले लगा लेता हैं.
लेकिन राधिका के दिल में एक अजीब सा दूर्र जन्म ले चुका था.वो जान चुकी थी की जरूर कुछ ना कुछ ऐसा हमारे साथ होने वाला हैं जो हमारी जिंदगी में बदूत बड़ा तूफान ला सकता हैं.
राधिका का अंदाज़ा करीब सही ही होने वाला था क्यों की वाकई उसकी जिंदगी में एक आने वाला तूफान जो उसकी जिंदगी पर भारी पड़ने वाला था. …….
राधिका भी करीब 5 बजे अपने घर आ जाती हैं. उसकी चाल में भी आज बदलाव आ गया था. तीन बार की चुदाई से उसके चुत में दर्द हो रहा था. लेकिन उसे सबसे ज्यादा चिंता थी तो इस बात की , कैसे वो सिंदूर नीचे फर्श पर गिर गया था. क्या हमारे भगवान भी हमें मिलना नहीं चाहते. ये सब सोचकर उसका दिल बैठा जा रहा था.
जैसे ही वो घर पर आती हैं उसके भैया अभी भी घर पर नहीं आए थे. वो झट से नहा धोकर कृष्णा का लाया हुआ शादी पहन लेती हैं. वो वाकई में किसी नयी नवेली दुल्हन की तरह प्यारी सी लग रही थी.
थोड़ी डियर में कृष्णा भी आ जाता हैं.
कृष्णा आज नशे में फुल था. वो लड़खड़ाते हुए घर के अंदर आता हैं और सीधा सोफा पर आकर बैठ जाता हैं.
राधिका- ये क्या भैया आज आपने फिर से शराब पी रखी हैं.
कृष्णा- क्या करूं राधिका ये शराब मुझे जीने नहीं देती, बहुत कोशिश करता हूँ मगर ये साली छुटटी नहीं. अब तो लगता हैं की मेरे मरने के बाद ही चूतेगी.
राधिका- प्लीज़ भैया, ये सब मत बोलिए, मैं आपका शराब चूडौँगी.
कृष्णा- नहीं राधिका ये शराब इतना आसानी से पीछा नहीं छोढ़ाती. तुम्हारे बस में नहीं हैं ये सब.
राधिका- पर भैया कोशिश तो आप कर ही सकते हो ना.
कृष्णा एक टुक राधिका को सर से पॉन तक घूर कर देखता हैं और फिर मुस्करा कर कहता हैं.
कृष्णा- अरे मेरी बहन, सच में तू तो किसी पड़ी जैसी लग रही हैं.इन सारी में तो तू बहुत सुन्दर लग रही हैं.
राधिका- इसलिए भैया आज मेरे जानदिं पर शराब पी कर आए हो, अपनी बहन के लिए….