ख्वाबो के दामन से ...
Re: ख्वाबो के दामन से ...
तेरे बिना ज़िन्दगी से शिकवा तो नहीं ....!
सोचता हूँ कि तुम्हारे मेरे ज़िन्दगी में न होने से सिर्फ दुःख और खालीपन ही है ,पर ज़िन्दगी तो चल ही रही है क्योंकि खुदा के बनाए हुए इस निजाम में कभी भी कुछ भी नहीं रुकता है . ज़िन्दगी चलती ही रहती है .. यदि सोचना भी चाहे तो भी नहीं रूकती , सिवाय इसके कि उसके ख़त्म होने का समय आ जाये . और कभी कभी ये भी सोचता हूँ कि खुदा की शायद यही रज़ा थी कि मैं तेरे बिना और तू मेरे बिना ही जिये . और एक दुसरे की यादो में तड़प कर जिये और मरे.... पर ज़िन्दगी का रंग भी चटक ही होता है ... क्योंकि जीना इसी का नाम है ! पर आज फिर तेरी याद बहुत आ रही है !
सोचता हूँ कि तुम्हारे मेरे ज़िन्दगी में न होने से सिर्फ दुःख और खालीपन ही है ,पर ज़िन्दगी तो चल ही रही है क्योंकि खुदा के बनाए हुए इस निजाम में कभी भी कुछ भी नहीं रुकता है . ज़िन्दगी चलती ही रहती है .. यदि सोचना भी चाहे तो भी नहीं रूकती , सिवाय इसके कि उसके ख़त्म होने का समय आ जाये . और कभी कभी ये भी सोचता हूँ कि खुदा की शायद यही रज़ा थी कि मैं तेरे बिना और तू मेरे बिना ही जिये . और एक दुसरे की यादो में तड़प कर जिये और मरे.... पर ज़िन्दगी का रंग भी चटक ही होता है ... क्योंकि जीना इसी का नाम है ! पर आज फिर तेरी याद बहुत आ रही है !
Re: ख्वाबो के दामन से ...
क्या वो वाकई हम दोनों ही थे जानां !
पिछले कई दिनों से एक ही बात दिल में समायी हुई है बस और कुछ सोच में नहीं आता है.
वो बसेरा; जिसमे हम अक्सर रुका करते थे और नदी के बीच स्थित वो पत्थर जो हमारे की खिडकी /बरामदे से दिखाई देता था.
और वो बहती नदी - जो कभी भी आँखों से ओझल नहीं हुई, चाहे वो दिन हो या रात , चाहे वो सुबह हो या शाम .
क्या जगह थी !!!
क्या जिंदगी थी !!!!
क्या वो वाकई हम दोनों ही थे जानां !
पिछले कई दिनों से एक ही बात दिल में समायी हुई है बस और कुछ सोच में नहीं आता है.
वो बसेरा; जिसमे हम अक्सर रुका करते थे और नदी के बीच स्थित वो पत्थर जो हमारे की खिडकी /बरामदे से दिखाई देता था.
और वो बहती नदी - जो कभी भी आँखों से ओझल नहीं हुई, चाहे वो दिन हो या रात , चाहे वो सुबह हो या शाम .
क्या जगह थी !!!
क्या जिंदगी थी !!!!
क्या वो वाकई हम दोनों ही थे जानां !
Re: ख्वाबो के दामन से ...
जाने जां.....!!!
जानां , आज मुझे उन जंगलो की बहुत याद आई , जहाँ , हम हाथ में हाथ डाल कर घूमे थे.. याद है तुम्हे , हम जब घने जंगलो में घूम रहे थे , तो ड्राईवर ने हमें एक सफ़ेद से पेड़ को दिखाया था और कहा था की वो भुतहा पेड़ है ... आज उस पेड़ की बहुत याद आई और तुम्हारी उस बात की भी की , तुम चाहती हो की मैं तुम्हे जंगली फूल दूं ... देखते है ....कब ये सपना पूरा होंगा और पक्की बात की इस बार जब भी जंगल जायेंगे तो मैंने तुम्हे ये गाना सुनाऊंगा .... लेकिन तुम कहीं खो मत जाना .....मैं तुम्हे कभी भी खोना नहीं चाहता हूँ ... बस जब भी खो जायेंगे , हम दोनों एक साथ इस दुनिया से अलग होकर दुनिया वालो के लिए खो जायेंगे ......मैं अब थक गया हूँ तुम्हारे बिना जानां...मुझे ये सारी दुनिया ही जंगल नज़र आती है ... हाँ , तुम्हारा साया होता है न मेरे साथ ,तुम्हारे संग बिताये हुए यादो के जेवरो के लिए हुए... मेरे साथ ,,हाँ तुम होती हो सनम , हमेशा .....!!!
जानां , आज मुझे उन जंगलो की बहुत याद आई , जहाँ , हम हाथ में हाथ डाल कर घूमे थे.. याद है तुम्हे , हम जब घने जंगलो में घूम रहे थे , तो ड्राईवर ने हमें एक सफ़ेद से पेड़ को दिखाया था और कहा था की वो भुतहा पेड़ है ... आज उस पेड़ की बहुत याद आई और तुम्हारी उस बात की भी की , तुम चाहती हो की मैं तुम्हे जंगली फूल दूं ... देखते है ....कब ये सपना पूरा होंगा और पक्की बात की इस बार जब भी जंगल जायेंगे तो मैंने तुम्हे ये गाना सुनाऊंगा .... लेकिन तुम कहीं खो मत जाना .....मैं तुम्हे कभी भी खोना नहीं चाहता हूँ ... बस जब भी खो जायेंगे , हम दोनों एक साथ इस दुनिया से अलग होकर दुनिया वालो के लिए खो जायेंगे ......मैं अब थक गया हूँ तुम्हारे बिना जानां...मुझे ये सारी दुनिया ही जंगल नज़र आती है ... हाँ , तुम्हारा साया होता है न मेरे साथ ,तुम्हारे संग बिताये हुए यादो के जेवरो के लिए हुए... मेरे साथ ,,हाँ तुम होती हो सनम , हमेशा .....!!!