कुछ नंही जाने मन तुम्हारा ये पति तुम्हारे पीछवाडे के साथ थोडी देर खेलेगा और मजा लेगा। मैं उसकी पीठ पर हाथ फेरता उसके चूतड मसलता, उसकी जाँघे मसलता और कुल्हे मसलते हुये अपने लंड को हिला कर मजा ले रहा था। उसकी चूतडो की दरार मैं हाथ डाल कर उसकी गाँड को भी मैं कुरेदा। रीमा अपने चूतड हिला कर अपनी खुशी का इजहार कर रही थी। उसकी चूत अब पूरी गीली हो चूकी थी और और उसकी चूत का पानी रिस कर चादर पर गिर रहा था। फिर मैंने अपने दोनो हाथो से उसके चूतड पकड कर मसलने शुरु कर दिये। मैं पूरी ताकत के साथ उसके चूतड मसल रहा था। और रीमा दर्द और मस्ती मे करहा रही थी। फिर मैं उसके बगल मे लेट गया और उसकी एक चूतड दबाते हुये उसकी गर्दन को चूमने लगा। कभी उसकी गर्दन चूमता तो कभी उसकी पीठ। और अपना एक पैर उसकी जाँघ पर रगड रहा था। रीमा मेरी हरकतो से पागल हो रही थी और बस करहा रही थी। बोल कुछ भी नंही रही थी। मैं उसके चूतडो के साथ बडी बेदर्दी से व्यहार कर रहा था। फिर मैंने उसके कान मे अपनी जीभ डाल कर घुमाने लगा। ओह ये क्या कर रहें है आप मेरी जान निकाल कर दम लेंगें क्या। रीमा मुझे एक पति की तरह सम्बोधित कर रही थी। नही जाने मन जाने मन मैं तो बस प्यार कर रहा हूँ तुम्को और प्यार करने से जान थोडी निकलती है। फिर मैं रीमा के उपर चढ गया और उसकी गर्दन को चूमते हुये अपना लंड उसके चूतडो पर रगडने लगा। लंड रगडने से मैं थोडा उत्तेजित हो गया और रीमा के गर्दन पर कस कर काट लिया। जो जोर से चिल्ला पडी हाय रे क्या करते हो जी खा जाओगे क्या। हाँ मेरी रानी तुम हो ही इतनी सुंदर मन करता है कि तुम्को खा जाऊं। मैंने बडी जोर से काटा था मेरे काटने का निशान रीमा की गर्दन पर पड गया।
अब मुझसे बिल्कुल भी नंही रहा जा रहा था। मैं उठ कर उसके चूतडो के पास बैठ गया और उनको चूमने लगा। पूरे चूतडो को चूमने बाद मैंन उसको चाटना शुरु कर दिया। कभी चूमता तो कभी चाटता। हाय जी ये क्या कर रहो हो आप मुझे गुदगुदी होती है। चूतड भी कोई चाटता है क्या। हाँ मेरी जान चूतड ही तो चाटने की ही चीज हैं। इसको चाटने से ही तो जन्नत का मजा मिलता है मर्दो को और हर औरत अपने मर्द हो अपने चूतड चटवाने के सपने देखती है। रीमा बिल्कुल अनछुयी अनचुदी नयी नवेली दुलहन की तरह बात कर रही थी। और मैं भी उसका इसमे साथ दे रहा था। वह ऐसा मेरी मस्ती बढाने के लिये कर रही थी और मुझे भी इसमे मजा आ रहा था। अब तो मैं जम कर उसके चूतडो पर पिल पडा और उसके चूतड चाट कर पूरे गीले कर दिये उसने पैन्टी पहनी हुयी थी और मैंने चाट कर उसकी पैंटी भी गीली कर दी। फिर उसके चूतड खोल कर उसके बीच भी मैंने जम कर चाटा पर गाँड पर मैंने सिर्फ चूमा चाटा नंही। मैंने चूतड से खेल कर कुछ ज्यादा मस्ती मैं आ गया और मैंने उसके चूतड को कस कर काट लिया। हाय रे मार डाला रे। रीमा बहुत जोर से चिल्ला उठी इस बार मैंने और भी जोर से काटा था। रीमा दर्द से एक दम बिलबिला उठी थी। आप तो आज मेरे मरण दिन मनाने के मूड मे हैं लगता। अपनी नयी नवेली दुल्हन के साथ थोडा तो रहम करो मेरी पति देव मुझे पता है मेरा रंग रूप और बदन देख कर आप अपने आपे में नही है पर कुछ तो रहम करेगी जी मैं आपको कुछ करने से रोक तो नंही रही हूँ जी पर थोडा प्यार से करीये न मुझे लगती है रीमा मेरी मस्ती बढाने के लिये बोली। हाय क्या करुं रानी मेरा लंड मुझ पर बहुत हावी हो रहा है और तुम्हारा ये मख्खन जैसा बदन देख कर मेरा मख्खन खाने का मन कर गया। मेरी तो जान ही निकल गयी थी जी। मैंने जहाँ काटा था वहाँ पर एक चुम्बन ले लिया। अब मैं रीमा की गाँड चाटना चाहाता था इसलिये मैंने रीमा के चूतड खोले और उसकी गाँड चूमने लगा।
क्रमशः................................
माँ बेटे का अनौखा रिश्ता
-
- Platinum Member
- Posts: 1803
- Joined: 15 Oct 2014 22:49
Re: माँ बेटे का अनौखा रिश्ता
गतांक आगे ...................
मैं उसकी टाँगो के बीच आकर बैठ गया और उसकी टाँगे खोल दी। फिर उसके चूतडो को अपने हाथो से अलग करके उसके गाँड के छेद को निहारा और फिर उसके गाँड पर एक चुम्बन ले लिया और अपनी जीभ निकाल कर उसकी गाँड पर फेरने लगा। मैं एक पालतू कुत्ते की भांति जीभ निकाल कर उसकी गाँड को चाट रहा था। उसकी गाँड की सौंधी महक और स्वाद मुझे बहुत ही ज्यादा उत्तेजित कर रहा था। अपनी लार जीभ से उसकी गाँड पर टपकायी और अपनी जीभ से लर उसके गाँड के छेद पर लसेड दी और फिर खुद अपनी जीभ से चाट ली। अपनी जीभ की नोक उसकी गाँड पर रगडने लगा जैसे उसकी गाँड खुजा रहा हूँ। अपनी जीभ उसकी गाँड के चारो और फिराने लगा। मेरी हरकतो से रीमा उत्तेजित होने लगी और उसके मुँह से आह ओह और हाय की आवांजे आने लगी। हाय रे मेरी प्यारे पति देव ये क्या कर रहे हो रीमा बोल पडी गाँड भी कोई चाटने की चीज होती है। मेरी सहेलियो ने तो बताया था कि सुहाग रात के दिन तो पति चूत के पीछे पडे रहते है। एक नादान सी औरत के रूप मे रीमा बोली जैसे उसे कुछ पता ही न हो।अरे मेरी जान गाँड ही तो चाटने की चीज होती है जितना मजा गाँड चाटने मे आता है ऐसा और कहाँ। और भरपूर मोटे लम्बे लंड वाले और चुदक्कड मर्द ही इस बात को जानते है और तुम तो बडी भाग्यशाली हो की तुम्को इतना मस्त पति मिला है। क्या तुम्को मजा नंही आ रहा गाँड चटवाने में मैंने भी रीमा को एक नयी नवेली दुल्हन की तरह समझाते हुये कहा। मजा तो बहुत आ रहा है जी बडा अच्छा लग रहा है जब आप मेरी गाँड मे जीभ फिरा रहे हो। मैं अपनी सहेलियो को बताऊंगी की असली मजा क्या है। और अपको उनकी चूत भी दिलवाउंगी। फिर मैंने उसके चूतडो को और चौडा करके उसकी गाँड मे अपनी जीभ घुसा दी। और अपनी जीभ से उसकी गाँड चोदने लगा। उसकी गाँड का स्वाद मुझे बहुत भा गया था और मुझे गाँड जीभ से चोदने मे बडा मजा आ रहा था। रीमा खुद अपनी गाँड हीला कर ज्यादा से ज्यादा जीभ अपनी गाँड मे लेने को आतूर थी और मैं भी जोर लगा कर अपनी जीभ उसकी गाँड मे घुसा कर उसकी गाँड चोद रहा था। ओह बहुत मजा आ रहा है मेरे पति देव और घुसाईये ना मेरे जानू पूरी जीभ मेरी गाँड मे घुसा दिजीये मेरे गाँडू मारीये मेरी गाँड अपनी जीभ से। मैं भी काफी देर तक उसकी गाँड जीभ से चोदता रहा और रीमा चूतड हिला हिला कर अपनी गाँड जीभ से मरवाती रही और मजे लेती रही। मैंने अपनी जीभ हटा कर अपनी उंगली उसकी गाँड पर रख कर दबाने लगा। रीमा ने अपनी गाँड ढीली छोड दी जिससे मेरी उंगली आसानी से उसकी गाँड मे चली गयी। रीमा की गर्म गाँड ने मेरी उंगली जकड ली पर मैंने भी धीरे धीरे जोर लगा कर पूरी उंगली रीमा की मे उतार दी। मैंने रीमा की गाँड अपनी उंगली से मारनी शुरु कर दी। मैं बहुत तेजी के साथ उसकी गाँड मारने लगा। रीमा भी अपने चूतड हिला हिला कर मेरी उंगली अपनी गाँड मे ले रही थी। उसको भी गाँड मरवाने मे मजा आ रहा था। और गाँड मरवाते वक्त वह जोर जोर से चिल्ला रही थी। फिर मैंने अपनी उंगली उसकी गाँड से निकाली और चाटने लगा। उसकी गाँड का स्वाद बहुत मजेदार था। उसकी गाँड का स्वाद तो मेरी जीभ पर बस गया था और मैं फिर से सीधा जीभ से ही गाँड का स्वाद लेना चाहाता था इसलिये मैंने फिर से अपनी जीभ रीमा के गाँड मे घुसा कर उसकी गाँड जीभ से मारनी शुरु कर दी। हाय रे ये क्या कर रहें हें आप बहुत अच्छा लग रही है आपकी जीभ मेरी गाँड मे। बहुत मजा आ रहा है। आह्ह ऐसे ही करीये न और जोर से मेरे राजा और जोर से। और जोर से मारीये मेरी गाँड अपनी जीभ से मेरी चूत तो पनीया गयी है आपकी हरकतो से मुझे तो पता नंही थी कि सुहाग रात में इतना मजा आता है नंही तो न जाने कितनो के साथ आज तक सुहाग रात मना चुकी होती।
मैं उसकी टाँगो के बीच आकर बैठ गया और उसकी टाँगे खोल दी। फिर उसके चूतडो को अपने हाथो से अलग करके उसके गाँड के छेद को निहारा और फिर उसके गाँड पर एक चुम्बन ले लिया और अपनी जीभ निकाल कर उसकी गाँड पर फेरने लगा। मैं एक पालतू कुत्ते की भांति जीभ निकाल कर उसकी गाँड को चाट रहा था। उसकी गाँड की सौंधी महक और स्वाद मुझे बहुत ही ज्यादा उत्तेजित कर रहा था। अपनी लार जीभ से उसकी गाँड पर टपकायी और अपनी जीभ से लर उसके गाँड के छेद पर लसेड दी और फिर खुद अपनी जीभ से चाट ली। अपनी जीभ की नोक उसकी गाँड पर रगडने लगा जैसे उसकी गाँड खुजा रहा हूँ। अपनी जीभ उसकी गाँड के चारो और फिराने लगा। मेरी हरकतो से रीमा उत्तेजित होने लगी और उसके मुँह से आह ओह और हाय की आवांजे आने लगी। हाय रे मेरी प्यारे पति देव ये क्या कर रहे हो रीमा बोल पडी गाँड भी कोई चाटने की चीज होती है। मेरी सहेलियो ने तो बताया था कि सुहाग रात के दिन तो पति चूत के पीछे पडे रहते है। एक नादान सी औरत के रूप मे रीमा बोली जैसे उसे कुछ पता ही न हो।अरे मेरी जान गाँड ही तो चाटने की चीज होती है जितना मजा गाँड चाटने मे आता है ऐसा और कहाँ। और भरपूर मोटे लम्बे लंड वाले और चुदक्कड मर्द ही इस बात को जानते है और तुम तो बडी भाग्यशाली हो की तुम्को इतना मस्त पति मिला है। क्या तुम्को मजा नंही आ रहा गाँड चटवाने में मैंने भी रीमा को एक नयी नवेली दुल्हन की तरह समझाते हुये कहा। मजा तो बहुत आ रहा है जी बडा अच्छा लग रहा है जब आप मेरी गाँड मे जीभ फिरा रहे हो। मैं अपनी सहेलियो को बताऊंगी की असली मजा क्या है। और अपको उनकी चूत भी दिलवाउंगी। फिर मैंने उसके चूतडो को और चौडा करके उसकी गाँड मे अपनी जीभ घुसा दी। और अपनी जीभ से उसकी गाँड चोदने लगा। उसकी गाँड का स्वाद मुझे बहुत भा गया था और मुझे गाँड जीभ से चोदने मे बडा मजा आ रहा था। रीमा खुद अपनी गाँड हीला कर ज्यादा से ज्यादा जीभ अपनी गाँड मे लेने को आतूर थी और मैं भी जोर लगा कर अपनी जीभ उसकी गाँड मे घुसा कर उसकी गाँड चोद रहा था। ओह बहुत मजा आ रहा है मेरे पति देव और घुसाईये ना मेरे जानू पूरी जीभ मेरी गाँड मे घुसा दिजीये मेरे गाँडू मारीये मेरी गाँड अपनी जीभ से। मैं भी काफी देर तक उसकी गाँड जीभ से चोदता रहा और रीमा चूतड हिला हिला कर अपनी गाँड जीभ से मरवाती रही और मजे लेती रही। मैंने अपनी जीभ हटा कर अपनी उंगली उसकी गाँड पर रख कर दबाने लगा। रीमा ने अपनी गाँड ढीली छोड दी जिससे मेरी उंगली आसानी से उसकी गाँड मे चली गयी। रीमा की गर्म गाँड ने मेरी उंगली जकड ली पर मैंने भी धीरे धीरे जोर लगा कर पूरी उंगली रीमा की मे उतार दी। मैंने रीमा की गाँड अपनी उंगली से मारनी शुरु कर दी। मैं बहुत तेजी के साथ उसकी गाँड मारने लगा। रीमा भी अपने चूतड हिला हिला कर मेरी उंगली अपनी गाँड मे ले रही थी। उसको भी गाँड मरवाने मे मजा आ रहा था। और गाँड मरवाते वक्त वह जोर जोर से चिल्ला रही थी। फिर मैंने अपनी उंगली उसकी गाँड से निकाली और चाटने लगा। उसकी गाँड का स्वाद बहुत मजेदार था। उसकी गाँड का स्वाद तो मेरी जीभ पर बस गया था और मैं फिर से सीधा जीभ से ही गाँड का स्वाद लेना चाहाता था इसलिये मैंने फिर से अपनी जीभ रीमा के गाँड मे घुसा कर उसकी गाँड जीभ से मारनी शुरु कर दी। हाय रे ये क्या कर रहें हें आप बहुत अच्छा लग रही है आपकी जीभ मेरी गाँड मे। बहुत मजा आ रहा है। आह्ह ऐसे ही करीये न और जोर से मेरे राजा और जोर से। और जोर से मारीये मेरी गाँड अपनी जीभ से मेरी चूत तो पनीया गयी है आपकी हरकतो से मुझे तो पता नंही थी कि सुहाग रात में इतना मजा आता है नंही तो न जाने कितनो के साथ आज तक सुहाग रात मना चुकी होती।
-
- Platinum Member
- Posts: 1803
- Joined: 15 Oct 2014 22:49
Re: माँ बेटे का अनौखा रिश्ता
मैं जोर जोर से रीमा की गाँड जीभ से मारने लगा। रीमा भी अपने चूतड उछाल कर मेरी जीभ को ज्यादा से ज्यादा अपनी गाँड मे लेने के कोशिश कर रही थी। मैंने रीमा की गाँड जीभ से मार मार कर अपने थूक और लार से गीली कर दी। मैने थोडी देर रीमा की गाँड जीभ से मारी और फिर मैंने रीमा की गाँड का एक चुम्बन ले लिया। और फिर मैंने अपना रुख रीमा की जाँघो पर किया और उसकी जाँघो का चुम्बन लिया। थोडी देर उसकी जाँघो को कस के मसलने के बाद मैंने रीमा को सीधा होने को कहा और रीमा को चित लिटा दिया और फिर से उसके उपर चढ गया। उसकी चूचीयो को फिर से चूमने लगा।
मैंने अपना हाथ उसकी चूत पर रखा और उसे अपनी उंगली से रगडने लगा। मैंने उसके एक जाँघ पर अपनी जाँघ रख रखी थी और उसकी जाँघ पर रगड रहा था। और मेरे मुँह मे उसकी एक घुंडी थी जिसे मैं चूस रहा था। जैसे बच्चा दूध पीने के लिये चूसता है बिल्कुल वैसे ही उसकी चूत पूरी गीली हो चुकी थी। उसकी चूत पर हाथ रखते ही मेरी उंगलियाँ गीली हो गयी। मैंने अपनी गीली उंगली उसकी चूत की दरार पर रखी और मेरी उंगली आसानी से उसकी चूत मे चली गयी। उसकी चूत बहुत ही गर्म हो रही थी। और बहुत रस बह रही थी। मेरी उंगली आधी उसकी गर्म चूत मे घुस चुकी थी। और मैं उसके गोल गोल घुमा रहा था। और उसकी चूत की दीवारो से अपनी उंगली को गीला कर रहा था। फिर मैंने थोडा सा और दम लगा कर मैंने अपनी पूरी उंगली उसकी चूत मे घुसा दी। रीमा के मुँह से करहा निकल गयी। मैंने उसकी एक घुंडी अपने मुँह मे लेकर चूस रहा था। फिर मैंने रीमा की चूत अपनी उंगली से चोदनी शुरु कर दी। धीरे धीरे मैं अपनी उगली उसकी चूत मे डालता फिर बाहर निकाल लेता। मेरी उंगली आसानी से रीमा की गीली चूत मे अंदर बाहर हो रही थी। मैंने अपना अंगूठा रीमा के चूत के दाने पर रख कर सहला रहा था। उसको सहलाते हुये मैंने जोर जोर से उसकी चूत अपनी उंगली से मारनी शुरु कर दी। रीमा खुद अपने चूतड हिला कर मेरी उंगली को ज्यादा से ज्यादा अंदर लेना चाह रही थी। उसके चूतड मस्त गोल गोल घूम रहे थे। और वह अपनी चूत के दाने को मेरे अंगूठे पर दबाने के कोशिश कर रही थी जिससे वह मजा ले सके। ओह मेरे मादरचोद पति मजा आ गया और करो ऐसे ही ऐसे ही रगडो मेरी चूत के दाने को चोदो मेरी चूत बहुत मजा अ रहा है क्या मस्त चूस रहे हो तुम मेरी चूची पूरा बदन मस्ती मैं झनझना रहा है मेरा मेरे जानू अपनी चूची और मेरे मुँह मे घुसेडती हुयी रीमा ने कहा। जिससे चूची का घुंडी के साथ और भी भाग मेरे मुँह मे घुस गया जिसे मैं और भी जोर जोर से चूसने लगा।
क्रमशः ...............................
मैंने अपना हाथ उसकी चूत पर रखा और उसे अपनी उंगली से रगडने लगा। मैंने उसके एक जाँघ पर अपनी जाँघ रख रखी थी और उसकी जाँघ पर रगड रहा था। और मेरे मुँह मे उसकी एक घुंडी थी जिसे मैं चूस रहा था। जैसे बच्चा दूध पीने के लिये चूसता है बिल्कुल वैसे ही उसकी चूत पूरी गीली हो चुकी थी। उसकी चूत पर हाथ रखते ही मेरी उंगलियाँ गीली हो गयी। मैंने अपनी गीली उंगली उसकी चूत की दरार पर रखी और मेरी उंगली आसानी से उसकी चूत मे चली गयी। उसकी चूत बहुत ही गर्म हो रही थी। और बहुत रस बह रही थी। मेरी उंगली आधी उसकी गर्म चूत मे घुस चुकी थी। और मैं उसके गोल गोल घुमा रहा था। और उसकी चूत की दीवारो से अपनी उंगली को गीला कर रहा था। फिर मैंने थोडा सा और दम लगा कर मैंने अपनी पूरी उंगली उसकी चूत मे घुसा दी। रीमा के मुँह से करहा निकल गयी। मैंने उसकी एक घुंडी अपने मुँह मे लेकर चूस रहा था। फिर मैंने रीमा की चूत अपनी उंगली से चोदनी शुरु कर दी। धीरे धीरे मैं अपनी उगली उसकी चूत मे डालता फिर बाहर निकाल लेता। मेरी उंगली आसानी से रीमा की गीली चूत मे अंदर बाहर हो रही थी। मैंने अपना अंगूठा रीमा के चूत के दाने पर रख कर सहला रहा था। उसको सहलाते हुये मैंने जोर जोर से उसकी चूत अपनी उंगली से मारनी शुरु कर दी। रीमा खुद अपने चूतड हिला कर मेरी उंगली को ज्यादा से ज्यादा अंदर लेना चाह रही थी। उसके चूतड मस्त गोल गोल घूम रहे थे। और वह अपनी चूत के दाने को मेरे अंगूठे पर दबाने के कोशिश कर रही थी जिससे वह मजा ले सके। ओह मेरे मादरचोद पति मजा आ गया और करो ऐसे ही ऐसे ही रगडो मेरी चूत के दाने को चोदो मेरी चूत बहुत मजा अ रहा है क्या मस्त चूस रहे हो तुम मेरी चूची पूरा बदन मस्ती मैं झनझना रहा है मेरा मेरे जानू अपनी चूची और मेरे मुँह मे घुसेडती हुयी रीमा ने कहा। जिससे चूची का घुंडी के साथ और भी भाग मेरे मुँह मे घुस गया जिसे मैं और भी जोर जोर से चूसने लगा।
क्रमशः ...............................