नशे की सज़ा compleet

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007
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Re: नशे की सज़ा

Unread post by 007 » 01 Nov 2014 15:06


कुछ देर के लिए सलोनी ने अपना हाथ नेहा के योनि प्रदेश से हटाया और अपनी जीन्स उतारने लगी और मेरी तरफ देखकर बोली-“ निशा तुझे इसके साथ किए गये खेल से कुछ ज़्यादा ही उत्तेजना हो रही है…….ऐसा कर नेहा के साथ आगे का गेम तू खेल.और मैं यहाँ बैठ कर उसका मज़ा लेती हूँ.”

मैं चेर से उठी और नेहा के पास जाकर उसके सेक्सी बदन को मोलेस्ट करने की नीयत से इनस्पेक्ट करने लगी-नेहा के पास ही एक चेर पर मैं बैठ गयी और अपनी टांगे फैलाकर एक हाथ से अपने योनि प्रदेश को सहलाने लगी दूसरे हाथ से मैने जैसे ही नेहा के चिकने सुडौल नितंबो को सहलाया,वो एकदम बोल पड़ी-“ मॅम..यह मेरे नितंब हैं……”

मेरे हाथ फिसलकर उसकी जांघों पर आ गये और वो बोल पड़ी-“ मॅम.यह मेरी जाँघ हैं.”

मैने भी कब तक इंतेज़ार करती..अपने हाथ को आख़िर उसके योनि प्रदेश पर ले गयी और उसे दबाने सहलाने लगी-नेहा इस बार भी कुछ नही बोली और इस बार उठकर मुझे भी उसे स्लॅप करना पड़ा-“ बोल……मेरी सेक्स स्लेव…जल्दी जल्दी बोल…….बोलना तो पड़ेगा ही……….जितना देर से बोलेगी…..उतने ज़्यादा स्लॅप लगेंगे………” यह कहकर मैने फिर से उसके योनि प्रदेश पर अपना हाथ फिराना शुरू कर दिया.

इस बार नेहा लगभग रोते हुए बोली-“मॅम……..यह मेरा योनि प्रदेश है…………”

“कौन सा प्रदेश है…………? “ सलोनी जो दूर चेर पर बैठी हुई यह सब देख रही थी,नेहा को और अधिक ह्युमिलियेट करने के लिए बोली-“ फिर से बोल…..सुनाई नही दिया.”

नेहा ने सलोनी की तरफ देखा और बोली- “ मॅम …….यह मेरा योनि प्रदेश है……….” कहने के साथ ही उसके योनि प्रदेश से पानी बहकर बाहर आने लगा…….मेरे अपने योनि प्रदेश का भी हाल कुछ ऐसा ही हो रहा था…….मैने उसे हुक्म देते हुए कहा-“ चलो नीचे बैठ जाओ…”

नेहा घुटनो के बाल नीचे बैठ गयी-उसने अपने हाथ नीचे करने की कोशिश की तो सलोनी ने टोक दिया- “ हाथ उपर उठा कर रखो- उस पोज़ मे ही ज़्यादा सेक्सी लग रही हो ! “ और नेहा को एक बार फिर से अपने हाथ उपर उठाने पड़े.

“चलो अपनी जीभ से इसे चॅटो…….” मैने अपने योनि प्रदेश की तरफ इशारा करते हुए नेहा को हुक्म दिया और नेहा ने अपनी जीभ मेरी योनि पर फिरानी शुरू कर दी-मैं मानो स्वर्ग मे पहुँच गयी थी-मेरी योनि मे से पानी जैसा निकल रहा था-उसे नेहा चाट रही थी.

यह सब रंगरेलियाँ करते- करते कब रात के 12 बाज गये इसका पता हम लोगों को तब चला जब कमरे के दरवाज़े को किसी ने खटखटाया….

kramshah...............................

007
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Re: नशे की सज़ा

Unread post by 007 » 01 Nov 2014 15:07

नशे की सज़ा--पार्ट--7

गतान्क से आगे................

दरवाज़ा खटखटाने की आवाज़ से मैं और सलोनी दोनो ही हैरान थी क्यूंकी इतनी रात को दरवाज़ा सिर्फ़ हॉस्टिल वॉर्डन ही खटखटा सकता था और वो 10 दिन की छुट्टी पर था.-मैने घबराकर सलोनी की तरफ देखा और नेहा को खुद से अलग करते हुए उसे यह कहते हुए वॉश रूम के अंदर धकेलकर वॉश रूम को बाहर से बंद कर दिया-“ बिल्कुल आवाज़ नही चाहिए…समझी ? “

“ जी मॅम ! “ नेहा बोली.

इसके बाद हम दोनो ने अपने कपड़े ठीक तक करके दरवाज़ा खोला तो देखा कि सामने सफइवाला लड़का सलीम खड़ा हुआ था लेकिन इस समय उसके हाथ मे सफाई करने के लिए ब्रूम,डस्टर,बुक़ुएट वग़ैरा कुछ भी नही था.

मैने उसकी तरफ हैरानी से देखा-“अब क्या रात के 12 बजे रूम की सफाई करोगे ?”

“नही मेडम, इस समय मैं सफाई करने की ड्यूटी पर नही हूँ-मैं इस समय वॉर्डन की ड्यूटी पर हूँ.” उसने इस तरह से कहा मानो उसकी प्रमोशन करके उसे राहुल की जगह वॉर्डन बना दिया गया हो.

“व्हाट………मेरा मतलब है………यह कैसे पासिबल है…..तुम और वॉर्डन…………” मुझे यकीन नही हो रहा था.

“मेडम,…………राहुल सर 10 दिन की छुट्टी पर गये हैं और वो अपनी जगह अपने असिस्टेंट प्रकाश को अपना चार्ज देकर गये थे लेकिन आज शाम प्रकाश की भी तबीयत खराब हो गयी और वो मुझे अपना चार्ज देकर छुट्टी पर चला गया है……….” मुझे और यकीन दिलाने के लिए उसने अपनी पॉकेट से नीले कलर की ड्यूटी स्लिप मुझे दिखाई जिसमे सॉफ सॉफ लिखा था कि प्रकाश के छुट्टी पर रहने तक वॉर्डन की ड्यूटी सलीम के पास ही रहेगी.

“तुम्हारा तो यकायक जबरदस्त प्रमोशन हो गया सलीम…….कमरो की सफाई करते करते तुम तो सचमुच वॉर्डन बन बैठे.” मैने अपनी घबराहट छुपाते हुए उसकी चापलूसी करने की कोशिश की जिसे वो खुद भी अच्छी तरह समझता था.मेरी तरफ देखकर वो बोला-“मेडम रात के 12 बज चुके हैं और आप लोगों के कमरे की लाइट भी जल रही है और आप दोनो जाग भी रही है……….यह हॉस्टिल रूल्स के खिलाफ है.मुझे यह रिपोर्ट करना पड़ेगा.” मैने मन ही मन उसे कोसा कि कल तक हमारे सामने झुककर हमारे कमरे और वॉश रूम की सफाई करने वाला अनपढ़ लड़का हम पढ़े लिखे लोगों को क़ानून सीखा रहा है.देखा जाए तो हम दोनो ही अचनाक आई इस सिचुयेशन से एकदम घबरा गयी थी.

अपनी घबराहट छुपाते हुए मैने किसी तरह बात सम्हलने की कोशिश की-“ आक्च्युयली हम लोगो को बाते करते करते टाइम का अंदाज़ा ही नही हुआ…हम ऐसा करते हैं कि अब लाइट बंद करके सो जाते हैं…..ठीक है ना.”

“मेडम, मुझे आपका वॉश रूम भी चेक करना पड़ेगा.आप दोनो बाहर हैं तो उसकी लाइट कैसे जल रही है……….” उसने दरवाज़े की नीचे से हल्की रोशनी की लकीर की तरफ इशारा करते हुए कहा.

मेरी घबराहट के साथ साथ अब सलोनी के चेहरे का रंग भी बदलने लगा था.इस बार वो बोली-“ अरे सलीम, अभी मैं वॉश रूम गयी थी,लाइट बंद करना भूल गयी थी.”

“मुझे चेक करना ही पड़ेगा………..कुछ ना कुछ गड़बड़ हो सकती है.” कहकर सलीम वॉश रूम के दरवाज़े की तरफ लपका-इससे पहले की वो दरवाज़ा खोलता मैं लगभग हाथ जोड़कर उसके आ गयी और उससे रिक्वेस्ट करते हुए बोली-“ प्लीज़ सलीम………..किसी को कुछ बताना नही……तुम जैसा कहोगे उस तरह से कर लेंगे.”

मेरी बात सुनकर सलीम की पॅंट के अंदर बंद उसका लिंग एकदम तनकर खड़ा हो गया था –इसका अंदाज़ा मुझे तब हुआ जब उसने अपने एक हाथ से अपने टेंट की तरह तने हुए लिंग को अड्जस्ट करने की कोशिश की. उसकी इस हरकत से मेरे मन ही मन खून खौल उठा-मैं मन ही मन सोचने लगी की इसको ग़लती से वॉर्डन का चार्ज क्या मिल गया,यह तो सचमुच ही अपने आपको राहुल सर समझने लगा है और उन्ही की तरह बिहेव कर रहा है.

007
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Re: नशे की सज़ा

Unread post by 007 » 01 Nov 2014 15:07


“देखो सलीम ऐसा है..तुम्हे यह वॉर्डन का चार्ज टेंपोररी मिला है-यह मत समझो कि तुम हमेशा के लिए वॉर्डन बन गये हो……दो तीन दिन बाद तुम्हे फिर से हमारे कमरे और बाथरूम की क्लीनिंग करने के लिए आना है….उसके बारे मे सोचो और फिर बताओ कि तुम जो कुछ भी करने जा रहे हो वो क्या ठीक है………” मैने उसे समझाने की कोशिश की लेकिन वो यह सुनकर और ज़्यादा भड़क गया और बोला-“देख लौंडिया,अपुन के पास टाइम कम है…सीधी सीधी काम की बात करती हो और सॉफ सॉफ सारी स्टोरी बताने के लिए तैय्यार हो तो मैं कुछ मदद कर सकता हूँ…….वरना……तुम लोग खुद ही समझदार हो.”



कोई और रास्ता ना देख मैं एक कुक की हुई स्ट्रोरी उसे सुना डाली-“आक्च्युयली हम लोग अपनी एक फ्रेंड के साथ जो इस हॉस्टिल मैं नही रहती है,उसके साथ कुछ मौज़ मस्ती कर रहे थे………इसी बीच तुमने दरवाज़ा खटखटा दिया और हमने उस फ्रेंड को वॉश रूम मे बंद कर दिया. अगर तुम हम दोनो को यानी मेरी और सलोनी की कोई भी रिपोर्ट वॉर्डन तक नही पहुँचाओगे तो हम तुम्हे भी अपनी उस फ्रेंड के साथ कुछ देर मौज़ मस्ती करने देंगे.”

मेरा ऑफर सुनकर उसके मूह मे पानी आ गया और वो अपने खड़े हुए लिंग पर पॅंट के उपर से ही हाथ फिरकर इसका सबूत देने लगा-“ ठीक है……..मैं कुछ वायदा नही करता लेकिन अगर मुझे मौज़ मस्ती मे भरपूर मज़ा आया तो ज़रूर तुम लोगों की मदद करूँगा.बुलाओ अपनी उस फ्रेंड को जिसे तुम लोगों ने वॉश रूम मे छुपा रखा है.”

“ठीक है,तुम यही इंतेज़ार करो मैं उसे अंदर से लेकर आती हूँ.”कहकर मैने छुपकर नेहा के कपड़े उठाए ओर नेहा को लाने बाथरूम मे चली गई

सलीम जिसकी आज तक कमरे मे बैठने की हिम्मत भी नही हुई थी आज बड़े रौब से मेरे सोफे पर रिलॅक्स कर रहा था और सलोनी के शायद किसी सवाल का जबाब दे रहा था-“ मेडम, आप तो पढ़ी लिखी हो…..मैं तो एकदम अनपढ़ हूँ……..आपको मुझसे ज़्यादा मालूम है कि कुर्सी की कितनी ताक़त होती है ……….इंसान से ज़्यादा कुर्सी की अहमियत होती है…….अगर मैं ग़लती से वॉर्डन नही प्रधान मंत्री की कुर्सी पर बैठ जाऊं तो मैं तुम लोगो के कमरे मे सफाई करने वाला सलीम नही प्रधान मंत्री सलीम बन जाऊँगा और सब लोग मुझे उसी तरह सलाम ठोकेंगे.इसलिए बिना किसी हील हुज्जत के जो मैं कहता हूँ,वही तुम्हे करना होगा क्यूंकी इस वक़्त मैं तुम्हारा सफाई करने वाला सलीम नही वरन हॉस्टिल वॉर्डन सलीम बोल रहा हूँ.”

मैने भी सलीम की यह बकवास सुनी और नेहा ने भी- नेहा को शायद इस बात का अंदाज़ा भी हो गया था कि सलीम मेरा कोई दोस्त वोस्त नही था वरन इस हॉस्टिल का एक मामूली का सफाई करने वाला था और उसकी वेशभूषा और रंग ढंग भी यही बता रहे थे-देखने मे सलीम एकदम डार्क कंपेक्स्षन का था और उसके बेहद आवरेज लुक्स थे-उसे देखकर हमेशा ऐसा लगता था जैसे वो काई महीनो से नाहया भी नही है-उसके दाँत एकदम पीले रंग के और एक गंदी सी काले रंग की टी-शर्ट और ग्रे कलर का ट्राउज़र पहन रखा था जो कि हॉस्टिल के सफाई कर्मचारीओं की यूनिफॉर्म थी.



मेरे वॉशरूम के बाहर निकलते ही सलीम एकदम उछल सा पड़ा-नेहा की खूबसूरती देखकर उसका यह उछालना स्वाभाविक ही था-“अच्छा तो अब तुम लोगों ने यह नये नये शौक भी पाल लिए हैं-लड़कियाँ लड़कियों के साथ भी मौज़ मस्ती करती हैं-मैं तो यही समझता था कि सिर्फ़ लड़के ही लड़कियों के साथ मौज़ मस्ती करते हैं.”

सलोनी को उसके बात करने के लहज़े पर हल्का सा गुस्सा आ गया और बोली-“देख सलीम, तुम यह मत भूलो कि कल तक तुम हमारे सामने झुककर हमारे कमरे की और हमारे बाथ रूम की सफाई किया करते थे और एक दो दिन बाद भी यही सब करने वाले हो-इसलिए बेमतलब अपने भाव मत दिखाओ और इस लौंडिया के साथ मौज़ मस्ती करके तुम अपना रास्ता नापो और हमे भी शांति से रहने दो.”

इस समय सलीम के सिर पर यकायक मिली पॉवेर का भूत सवार था-सलोनी के यह कहने पर कि वो कमरे की सफाई करने वाला एक मामूली सा नौकर है,वो बुरी तरह तिलमिला सा गया और बोला-“साली………पहले लगता है तेरे ही पर कतर्ने पड़ेंगे…….चल नंगी हो जा ! “

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