जुली को मिल गई मूली compleet

Discover endless Hindi sex story and novels. Browse hindi sex stories, adult stories ,erotic stories. Visit theadultstories.com
raj..
Platinum Member
Posts: 3402
Joined: 10 Oct 2014 07:07

Re: जुली को मिल गई मूली

Unread post by raj.. » 08 Nov 2014 08:48

अचानक, अपनी चूत पर उनकी उंगली महसूस कर के मैं चौंक गई और मेरी आँखें खुल गई. और जब मैने अपने पति को नंगा हो कर, मेरी टाँगों के बीच मे बैठा देखा तो मेरे आस्चर्य का कोई ठिकाना ना रहा. एक पल के लिए मेरी साँस रुक गई थी, मेरी चुचियाँ हिलनी बंद हो गई थी और उस एक पल मे मेरे मन मे ना जाने कितने विचार आए और गये.

और तब, मेरे पति ने मुझे बताया कि वो मुझे तब से देख रहे है जब से मैं यहाँ सागर किनारे पहुँची थी.

मुझे थोड़ी शर्म सी महसूस हुई की मेरे पति ने मुझे यहाँ, अपनी खुद की चूत मे उंगली डाल कर हस्त मैथून करते हुए देखा है. लेकिन उन्होने कहा कि उनका इस तरह छुप कर मुझे हस्त मैथून करते हुए देखना उनको बहुत पसंद आया. उन्होने चोरी से मुझे मेरी चूत मे उंगली करते हुए देखा तो उनको बहुत मज़ा आया. उन्होने ये भी कहा कि मैं इतने सेक्सी तरीके से अपनी चूत मे उंगली कर रही थी कि उन से रहा नही गया और वो जल्दी ही मेरे सामने आ गये. आज पहली बार उन्होने मुझे अपनी चूत मे उंगली कर के हस्त मैथून करते हुए देखा था. मैं शर्मा भी रही थी और मन ही मन खुश भी हो रही थी.

वो मेरी फड़कती हुई फुददी के नज़दीक आए तो मैने अपनी गंद उपर उठा कर अपनी चूत उनके और नज़दीक कर दी. उन्होने पहले तो अपनी बीच की उंगली मेरी चूत के बाहरी हिस्से पर धीरे धीरे घुमाई और फिर अपनी उंगली मेरी चूत के गीले होठों के बीच मे डाल दी. मेरी चूत तो पहले से ही गरम और गीली थी. फिर उन्होने अपनी उंगली मेरी चूत के अंदर घुसा कर गोल गोल फिराई तो मैं मस्त होने लगी.

जब उन्होने अपनी उंगली मेरी चूत के अंदर से वापस बाहर निकाली तो मैने सॉफ सॉफ देखा की उनकी उंगली पूरी तरह गीली हो गई थी, जैसे अपने मूह मे अपनी जीभ होती है. अपनी गेली उंगली से उन्होने मेरी गीली चूत का गीला दाना सहलाना शुरू किया तो मैने अपनी गंद हवा मे और भी उपर उठा ली.

मेरी चूत मे चुद्वाने की खुजली शुरू हो चुकी थी और उसका परिणाम ये हुआ कि मेरे मूह से तरह तरह की सेक्सी आवाज़ें निकलने लगी. जब भी मेरी चूत मे चुद्वाने की खुजली होती है और वो मुझे चोद्ते हैं तो मैं अपने मूह से सेक्सी आवाज़ें निकलने से नही रोक पाती. ये इस बात का सबूत है कि मुझे बहुत मज़ा आ रहा है. उन्होने अपने हाथ मेरी हवा मे झूलती नंगी और गोल गोल गंद पर घुमाए तो मेरी गंद अपनी आप ही भींचने लगी और अपने आप ही ढीली होने लगी. उन्होने ज़रूर मेरी गंद का ये कंपन महसूस किया होगा. उन्होने मेरी गंद की गोलाइयाँ दबाई और अपने हाथ मेरी गंद के नीचे रख कर मेरी गंद को ओर उपर किया तो मेरी चूत के होंठ उनके मूह के होंठों के लिए खुल गये. उन्होने ज़रा झुक कर, मेरी चूत के मूह पर अपना मूह रखा तो मेरे सारे बदन मे झूर झूरी सी दौड़ गई. उन्होने मेरी चूत के रस का स्वाद लिया जो की उनको हमेशा पसंद है. उनकी लप्लपाति हुई जीभ जब मेरी चूत के तने हुए दाने पर पहुँची तो मैं जैसे स्वर्ग की सैर करने लगी. मैने अपने घुटने मोड़ कर अपनी गंद को ऑर भी उपर किया. इस तरह मेरी गंद उपर करने के कारण उनको मेरी चूत चाटने मे बहुत सुविधा हो गई थी.

फिर मेरी चूत का दाना चूस्ते चूस्ते अचानक अपनी जीभ मेरी चूत के अंदर डाल दी. मैं उस वक़्त सब कुछ भूल कर बस उनसे चुद्वाने मे व्यस्त थी. मैं ये भूल गई थी कि मैं कहाँ हूँ, जैसे मैं अपनी चूत मे उंगली करते वक़्त सब कुछ भूल गई थी.

मैं बहुत रोमांचित महसूस कर रही थी, पता नही अपनी चुदाई के कारण, या खुले आसमान के नीचे, सागर किनारे की जगह के कारण. पर बहुत मज़ा आ रहा था. उस सुनसान जगह पर केवल मेरे पति ही ऐसे थे जो मेरे मूह से निकलने वाली सेक्सी आवाज़ों को सुन सकते थे. थोड़ी देर तक मुझे अपने मूह से चोद्ने के बाद उन्होने अपना लोहे जैसा सख़्त, गरम, लंबा और मोटा लॉडा मेरी लंड के लिए प्यासी चूत मे डाला. जसी ही उन्होने अपना लॉडा मेरी चूत मे डाला, उन्होने अपने लंड का धक्का आगे की ओर मारा और मैने अपनी चूत का धक्का भी आगे की ओर मारा. और ऐसा हम तब तक करते गये जब तक कि उनका पूरे का पूरा लंबा लंड मेरी फुददी मे नही घुस गया.

raj..
Platinum Member
Posts: 3402
Joined: 10 Oct 2014 07:07

Re: जुली को मिल गई मूली

Unread post by raj.. » 08 Nov 2014 08:49

उन्होने मेरी गंद पकड़ी और मुझे चोद्ने की सुरुआत की.

सागर किनारे, हमारी चुदाई का खेल पुर ज़ोर से, पूरे जोश से चल रहा था. खुले आसमान के नीचे, चट्टानों के पीछे, दो प्यार करने वाले, दो चुदाई के प्रेमी, दो चुड़क्कड़, मैं और मेरा पति, दुनिया से बेख़बर, अपना चहेता चुदाई का खेल खेलने मे व्यस्त थे.

जैसे जैसे वो मुझे चोद्ते रहे, वैसे वैसे मुझे चुद्वाने का मज़ा आने लगा और धीरे धीरे उनके चोद्ने की रफ़्तार भी बढ़ने लगी. उनका लॉडा तेज़ी से मेरी चूत मे अंदर बाहर हो रहा था और हम दोनो सातवें आसमान की सैर करने लगे.

जब उनको पता लगा कि मैं चुद्वाते हुए झड़ने वाली हूँ तो उन्होने मुझे चोद्ने की रफ़्तार और भी बढ़ा दी. अब वो मुझे और ज़ोर ज़ोर से, और तेज़ी से चोद्ने लगे. मैं भी अपनी चूत, अपनी गंद आगे पीछे करके उनके चुदाई के औज़ार का मज़ा अपनी गीली चूत मे ले रही थी. उनका लॉडा मेरी चूत के अंदर जा रहा था, बाहर आ रहा था और फिर अंदर जा रहा था. सागर किनारे मेरी चुदाई चल रही थी.

हम दोनो ही नही चाहते थे कि हमारी वो शानदार चुदाई जल्दी ख़तम हो जाए, इसलिए उन्होने मेरी चूत को चोद्ता हुआ अपना लॉडा मेरी चूत से बाहर निकाला और मेरे उपर लेट गये. वो अपने दोनो हाथों मे मेरी दोनो चुचियाँ ले कर उनको मसल्ने लगे. कुछ ही देर मे मेरी निप्पल उनके मूह मे थी और वो मेरी निप्पक को किसी बच्चे की तरह चूसने लगे. वो मेरी निप्पल को चूस्ते, अपने होठों से पकड़ते, थोड़ा बाहर निकालते और फिर से अपने मूह के अंदर ले कर चूस्ते. ऐसा उन्होने मेरी दोनो निप्पल के साथ बारी बारी किया.

मैं उनके तने हुए लौडे को अपनी जांघों के बीच सॉफ सॉफ महसूस कर रही थी. मैने अपना हाथ नीचे करके उनके तन्तनाते हुए लौडे को पकड़ लिया. उनका लॉडा पूरा गीला था. मैने उनका लॉडा अपनी हथेली मे कुछ इस तरह पकड़ा कि मेरा अंगूठा उनके लंड के सूपदे पर था. अपने हाथ मे उनका खड़ा लंड पकड़ कर मैं अपने अंगूठे को उनके लौडे के गीले सूपदे पर गोल गोल घुमाने लगी ताकि उनका लंड भी पानी निकालने के नज़दीक पहुँच जाए. उनके लौडे पर मेरा ये खेल उनको झड़ने के करीब ले जाएगा, ये मुझे पता था. मेरा तो ये रोज़ का काम था. मुझे पता है कि उनके लौडे से पानी निकलने मे कितना वक़्त लगता है और मैं ये सब इसलिए कर रही थी कि मैं चाहती थी मेरा झड़ना और उनके लौडे से लंड रस निकलना साथ साथ हो. उनके लौडे के सुपाडे पर अपना अंगूठा फिराने का परिणाम जल्दी ही दिखने लगा था. उनका लंड मेरे हाथ मे नाचने लगा था और उनकी गंद भी हिलने लगी थी.

वो बहुत गरम हो चुके थे और जल्दी ही वो और आगे, मेरे उपर आए तो उनका लंड लॉलीपोप मेरे मूह के पास था. मैने तुरंत ही उनके लंड को अपने मूह मे ले लिया और जैसे मैं पहले उनके लंड के सूपदे पर अपना अंगूठा घुमा रही थी, वैसे ही मैं अब अपनी जीभ उनके लौडे के सूपदे पर फिराने लगी. अब उनका लंड अपने मूह मे ले कर उसको चाट ते हुए, चूस्ते हुए, उनके सूपदे पर अपनी जीभ घूमाते हुए, मैं उनका लंड अपने हाथ मे पकड़ कर आगे पीछे करने लगी, यानी मूठ मारने लगी. जल्दी ही वो मेरे मूह को ऐसे चोद्ने लगे जैसे हमेशा मेरी चूत चोद्ते हो. वो अपने गंद हिला हिला कर, आगे पीछे हो कर, अपना लॉडा मेरे मूह मे डाल रहे थे, निकाल रहे थे. जैसे चूत मे लंड अंदर बाहर होता है, वैसे उनका लंड मेरे मूह मे अंदर बाहर होने लगा.

raj..
Platinum Member
Posts: 3402
Joined: 10 Oct 2014 07:07

Re: जुली को मिल गई मूली

Unread post by raj.. » 08 Nov 2014 08:49

मेरे मूह को चोदते हुए वो भी अपने झड़ने के करीब आ चुके थे और ये सही समय था कि वो अपना लॉडा मेरी चूत मे डाल कर मेरी चुदाई करे ताकि हम दोनो साथ साथ झाड़ जाएँ.

वो फिर से मेरे बदन के नीचे के हिस्से पर आए. मेरे फैले हुए पैरों के बीच बैठ कर उन्होने फिर एक बार मेरी बहती फुददी मे अपनी जीभ डाल दी. मुझे पता है कि मेरी चूत के रस का स्वाद उनको बहुत पसंद है. उन्होने जल्दी से मेरी चूत का तना हुआ दाना अपने मूह मे लिया और उसको चूसने लगे जैसे मेरी निप्पल चूस रहे हो. मेरी चूत का दाना चूस्ते हुए वो मेरी उपर नीचे होती हुई चुचियो को देख रहे थे जो मेरी हर साँस के साथ उपर नीचे हो रही थी. मैं तो इतने जोश मे आ गई थी कि मैने उनके सिर के बाल पकड़ कर उनका मूह ज़ोर से अपनी फड़कती हुई फुददी पर दबा दिया. और फिर उन्होने अपनी बीच की उंगली मेरी चूत मे घुसा दी.

अब तो मुझ से रहा नही गया. मैं चाहती थी कि जल्दी से जल्दी वो अपना लंबा लॉडा मेरी चूत के अंदर डाले और मुझे ज़ोर ज़ोर से चोदे. मेरे पैर कभी उनको कस लेते, कभी ढीला छ्चोड़ देते और ये निशानी थी कि मैं चुद्वाने के लिए कितनी बेचैन थी. वो भी मेरी तमन्ना समझ गये थे और मुझे चुद्वाने के लिए और तडपाना नही चाहते थे. वो अपने घुटनों पर बैठे, अपना तना हुआ लॉडा अपने हाथ मे पकड़ा और अपने सख़्त लौडे को मेरी मखमली चूत के दरवाजे पर लगाया. मैने भी अपनी गंद उठा ली और उनका लंड अपनी चूत मे डलवाने के लिए तय्यार हो गई. मुझ से रहा नही जा रहा था, मैने अपने पैरों से उनकी गंद जाकड़ ली और उनको अपनी ओर खींचा ताकि उनका लॉडा मेरी चूत के अंदर जा सके.

उन्होने भी देर नही की और अपने लंड का दबाव मेरी चूत पर बढ़ाया तो उनका सख़्त लंड मेरी मखमली मुलायम चूत के अंदर घुसने लगा. हमेशा की तरह, धीरे धीरे अपने लौडे को मेरी चूत मे आगे पीछे करते हुए, थोड़ा अंदर डालते हुए और थोड़ा बाहर निकालते हुए, धक्के लगाते हुए अपना पूरा का पूरा लंबा लॉडा मेरी चूत के अंदर घुसा दिया. लौदा चाहे कितना भी लंबा हो और चूत चाहे कितनी भी छ्होटी हो, लंड को अपने अंदर ले ही लेती है.

अब तो बकायदा मेरी चुदाई शुरू हो चुकी थी. उनका तना हुआ लंड मेरी चूत मे अंदर बाहर होता रहा. वो मुझे चोद्ते रहे और मैं उनसे चुद्वाती रही.

धीरे धीरे उनके चोद्ने की रफ़्तार बढ़ती गई और मैं भी अपने नंगी, गोल गोल, गोरी गोरी गंद उपर नीचे कर के उनकी ताल से ताल मिला रही थी. चुदाई की रफ़्तार तूफ़ानी हो चुकी थी और उनके चोद्ने की रफ़्तार और भी बढ़ गई जब उनको अहसास हुआ की मैं झड़ने वाली हूँ.

मेरी नंगी गंद तो चुद्वाते हुए जैसे नाच रही थी. मैं उनके लंड के मेरी चूत मे हर धक्के का जवाब अपनी गंद उपर कर के दे रही थी. वो अपने लंड का धक्का नीचे मारते तो मैं अपनी गंद उपर करती. इस तरह उनका लॉडा मेरी चूत की आख़िरी दीवार पर दस्तक दे रहा था. मेरी चुचियाँ भी लगातार उनके हर धक्के के साथ नाच रही थी. मैने अपने होंठ भींच लिए, मेरी उंगलियाँ, बिछि हुई चद्दर के पार, सागर किनारे की मिट्टी मे घुस गई. मेरे बदन मे अकड़न होने लगी और मैं अपने झड़ने के बहुत करीब थी.

मेरे मज़े का ठिकाना नही था. उनका लंड मेरी चूत मे रगड़ ख़ाता हुआ अंदर बाहर होता रहा और उनके लौडे के नीचे लटकती गोलियों की थैली, उनके हर धक्के के साथ मेरी गंद के छेद से टकरा रही. मेरा सेक्सी पति अपनी सेक्सी पत्नी को सागर किनारे मज़े ले ले कर चोद रहा था. मैं सागर किनारे अपने पति के सामने नंगी लेट कर उनसे चुद्वा रही थी. हम दोनो ही किस्मत वालें हैं जिन को इतना सेक्सी, इतना चुड़क्कड़ साथी मिला है.

मेरे मूह से ज़ोर ज़ोर से चुदाई के जोश मे आवाज़ें निकालने लगी अओर वो मेरी गंद पकड़ कर, ज़ोर ज़ोर से मुझे चोद्ते जा रहे थे. उनका लॉडा जब भी मेरी चूत के अंदर जाता, मेरी चूत के आख़िरी हिस्से से टकरा कर वापस आता. मैने खुद ही अपनी चुचियाँ अपने हाथों मे ले कर मसल डाली.

अचानक मैं बहुत ज़ोर से झाड़ गई, मेरे बदन ने एक ज़ोर की झुरजुरी ली और मैं चुदाई की आख़िरी मंज़िल पर पहुँच चुकी थी, पर उनका मुझे चोद्ना लगातार, तूफ़ानी रफ़्तार से जारी था और मैं जानती थी कि उनके लंड का पानी भी बस निकलने ही वाला है. मैने उनके लौडे का सूपड़ा अपनी चूत मे आते जाते फूलता महसूस किया था.

और उनके लौडे ने अपना गरम गरम लंड रस मेरी चूत मे बरसाना शुरू कर दिया. उन्होने मुझे और मैने उन्हे कस कर जाकड़ लिया. उनका लॉडा मेरी चूत के आख़िरी हिस्से से लग कर नाचते हुए मेरी चूत मे अपने लंड रस की बरसात कर रहा था.


Post Reply